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बीकानेर, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अभिनव पहल के तहत राजस्थान के समस्त सरकारी विद्यालयों में संचालित विद्यालय सौंदर्यीकरण एवं कायाकल्प अभियान ने इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयाम जोड़ा है। प्रदेश के 91.7 प्रतिशत राजकीय विद्यालयों में रंगाई-पुताई एवं सौंदर्यकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है और दीपोत्सव के दौरान सभी विद्यालय पहली बार एकरूप रंगों और लाइटिंग से जगमगा उठे।
इस अभियान का उद्देश्य दीपावली से पूर्व प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में रंगरोगन का कार्य पूर्ण कराना था। इसके लिए समस्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के लिए रंग योजना (कलर कोड) निर्धारित की गई तथा शासन सचिव के निर्देशन में और निदेशक के मार्गदर्शन में स्पष्ट दिशा-निर्देश एवं कार्ययोजना जारी की गई। अभियान को मिशन मोड में क्रियान्वित करने के लिए निदेशालय के भवन अनुभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया। सघन अनुश्रवण, दैनिक प्रगति समीक्षा और स्पष्ट जवाबदेही के माध्यम से यह कार्य समयबद्ध एवं प्रभावी रूप से पूरा किया गया।
इस वर्ष अभियान में एक नई पहल भी जोड़ी गई—दीपोत्सव के दौरान राजस्थान के सभी सरकारी विद्यालयों को रोशनी से सजाने की ऐतिहासिक परंपरा की शुरुआत की गई। 18 अक्टूबर से पूरे प्रदेश के विद्यालयों में लाइटिंग की व्यवस्था प्रारंभ की गई, जो जो की संपूर्ण दीपोत्सव (23 अक्टूबर) तक लगातार जारी रही। इस अवधि में स्कूल परिसर जगमगाते रहे—ऐसा दृश्य प्रदेश के शिक्षा इतिहास में पहली बार देखने को मिला। विद्यालय अब केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि उत्सव और समुदाय के गौरव के प्रतीक बन गए।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में बालोतरा और भरतपुर जिलों ने शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अन्य जिलों में कार्य अंतिम चरण में है और शेष विद्यालयों में रंगाई-पुताई एवं लाइटिंग कार्य 5 नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस अभियान ने विद्यालयों के भौतिक स्वरूप में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने के साथ-साथ समुदाय में शिक्षा के प्रति विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण को सुदृढ़ किया है।
रंग योजना के अनुसार — प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में Coral Room (K243) हल्का रंग और Copper (0587) गहरा रंग उपयोग किया गया है। वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में Coral Beach (7969) हल्का रंग और Copper (0587) गहरा रंग निर्धारित किया गया है। इस एकरूप रंग संयोजन ने विद्यालयों को एक साफ-सुथरी, आकर्षक और गरिमामय पहचान दी है।
इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता इसकी जनभागीदारी रही। विद्यालय प्रबंधन समितियों, जनप्रतिनिधियों, समुदायों और स्वैच्छिक संगठनों ने सक्रिय सहयोग देकर इसे जन आंदोलन का रूप दिया। मुख्यमंत्री की इस पहल ने शिक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है।
राजस्थान ने विद्यालय सौंदर्यकरण और दीपोत्सव लाइटिंग के माध्यम से न केवल अपने विद्यालयों की सूरत बदली है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त मानक स्थापित किया है।

इस दीपोत्सव पर राजस्थान के विद्यालय सिर्फ ज्ञान के मंदिर नहीं, बल्कि रोशनी के प्रतीक बनकर चमके।”_

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