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बीकानेर,काफी समय से राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक हलचल देखी जा रही है। अब कांग्रेस को नया अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मिल चुका हैं। अब उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी हैं।इसमें पहले सबसे बड़ी चुनौती के रूप में राजस्थान की राजनीतिक हलचल है। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पार्टी में नया अध्यक्ष बनते ही खड़गे राजस्थान को लेकर कोई बड़ा फैसला लेंगे। लेकिन अब ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जो पूरी तरह से विपरीत है।

नहीं लिया कोई फैसला

सूत्रों का कहना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे फिलहाल ऐसा कोई कदम नहीं उठा रहे। इसका अर्थ यह हुआ कि बगावत की रणनीति बनाने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर में जो कुछ हुआ उसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि खड़गे अध्यक्ष बनते ही राजस्थान के लिए कोई बड़ा फैसला लेंगे। लेकिन अब अटकलों पर विराम लग गया है।

पार्टी के खिलाफ उतरे विधायक

पिछले कुछ सालों के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट की भिड़ंत कांग्रेस के लिए मजबूत बनी हुई है अब नया मोड़ तब आया जब अशोक गहलोत के समर्थकों ने कांग्रेस पार्टी के 100 विधायक पार्टी नेतृत्व के खिलाफ उतर गए और उन्होंने इस्तीफा देने के लिए कहा। उस समय सोनिया गांधी ने भी नाराजगी जताई थी। लेकिन अब अध्यक्ष पद के चुनावों के बाद यह मामला ठंडा पड़ गया है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पद बरकरार रहेगा। इसी बीच सचिन पायलट ने अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात की थी और दोनों के बीच काफी लंबी चर्चाएं हुई। बता दें कि सचिन पायलट और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच राजस्थान सरकार के कामकाज, विधानसभा चुनाव और संगठन के पदों की नियुक्ति ना होने के मुद्दे पर बात हुई। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने पर फैसला लिया गया।

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