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जयपुर. ट्रेन में सफर करते वक्त यात्री रात के समय न तेज आवाज में मोबाइल फोन पर बातें कर पाएंगे, न ही संगीत सुन सकेंगे। सहयात्रियों की नींद में खलल डालने पर अब कड़ी कार्रवाई हो सकती है। रेलवे बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से नए नियम लागू कर दिए हैं। सहयात्री के तेज आवाज में बात करने बगाने से होने वाली परेशानी के चलते यात्री शिकायत करते थे। समूह में यात्रा करने वाले रातभर कोच में शोर मचाते हैं। रात में लाइट जलाने को लेकर भी कई बार विवाद होता था।

विमान में क्रू मेंबर रहते सक्रिय

विमानों में भी इस तरह की शिकायतें नहीं आती हैं। केबिन कू यात्रियों को तुरंत टोक देते हैं। वे समाधान भी तुरंत कर देते हैं।

जवाबदेही तय होगी

परेशानी होने पर यात्री ट्रेन स्टाफ को शिकायत कर. सकता है। तुरंत समाधान न होने पर ट्रेन स्टाफ की जवाबदेही तय होगी। हालांकि शिकायत मिलने पर यात्रियों से समझाइश की जाएगी, जिससे विवाद की स्थिति न बने। कैप्टन शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उ. प. रेलवे

यात्रियों को रात 10 बजे से आरामदायक यात्रा देने का सार्थक प्रयास

बसों में आए दिन होते विवाद

बसों में भी मोबाइल पर जोर-जोर से बात • करने या गाने बजाने, मूवी देखने आदि के कारण विवाद होते रहे हैं। लेकिन, सरकार या परिवहन निगम ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ऐसे मामले ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में देखे जाते हैं। परिचालक या अन्य सहयात्री इन स्थितियों में अमूमन समाधान करा देते हैं। फिर भी इसको लेकर ठोस नियम बनाने की जरूरत है।

इनका करना होगा पालन

कोई भी यात्री मोबाइल पर ऊंची आवाज में बात नहीं करेगा या तेज संगीत नहीं सुन सकेगा।

रात में नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइटें बंद करनी होगी ताकि सहयात्री की नींद खराब न हो।

समूह में यात्रा करने वाले देर रात तक बातें नहीं कर पाएंगे। सहयात्री की शिकायत पर कारवाई हो सकती है।

रात में चेकिंग स्टाफ, आरपीएफ, इलेक्ट्रीशियन, कैटरिंग स्टाफ और मेंटीनेंस स्टाफ भी शांति से काम करेंगे।

शोर करने पर उनकी भी शिकायत हो सकेगी।

ट्रेन स्टाफ 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग, दिव्यांग और अकेली महिला की मदद भी करेंगे।

गाइडलाइन की अनदेखी पर स्टाफ पर भी कार्रवाई होगी।

 

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