श्रीडूंगरगढ़,बीकानेर,श्रीडूंगरगढ़ नापासर राजलदेसर में कोच डिस्प्ले लगाने की मांग रेल सेवा संघर्ष समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी।कोच की डिस्प्ले नहीं होने से यात्रियों को काफी भाग-दौड़ करनी पड़ती थी।इस संबंध में क्षेत्र के लोक प्रिय विधायक ताराचंद सारस्वत से भी निवेदन किया विधायक महोदय ने इस कार्य को शीघ्र कराने का आश्वासन दिया। विधायक महोदय की कथनी करनी में अंतर नहीं है। ताराचंद सारस्वत संवैधानिक रूप से मंत्री नहीं है। लेकिन जनता के अनेकों विकास कार्य पूरे किये है। इसलिए अनेक जन मंत्री ही मानते है।जनता ने समस्याओ का समाधान कराने पर समय-समय पर विधायक महोदय का आभार व्यक्त करते हैं।
रेलसेवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष तोलाराम मारू ने रेलवे के एजीएम अशोक माहेशवरी जी जयपुर तथा रेलवे डिआरएम बीकानेर आशीष जी से वार्ता कर रेल विभाग का आभार व्यक्त किया। तथा श्रीडूंगरगढ़ का रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म काफी नीचा है।जिस कारण रेल यात्रियों को रेल में चढ़ने उतरने में काफी परेशानी होती है। अतः रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म ऊंचा करने की मांग की। रेल सेवा संघर्ष समिति श्रीडूंगरगढ़ के तोलाराम मारू ने बताया कि रेलवे के एजीएम अशोक जी महेशवरी जयपुर तथा डिआरएम बीकानेर जैसे रेल अधिकारियोंको पर हमें गर्व है जिन्होने हमारे क्षेत्र की समस्यायों को ध्यानपूर्वक सुना तथा दौरे के दोरान समस्याओं को सुनने का आश्वासन दिया। डिस्प्ले कोच लगने पर पार्षद हीरालाल महेश राजोतिया जेठमल सिंधी कन्हैयालाल रजनीकांत सारस्वत ने प्रसन्नता व्यक्त की क्षेत्रवासियों ने विधायक ताराचंद सारस्वत तथा रेलसेवा संघर्ष समिति के अध्यक्ष तोलाराम मारू का आभार व्यक्त किया।
तोलाराम मारू अध्यक्ष के प्रयास परीक्षा से स्पेशल रेल गाड़ियां चलाई गई। सम्पूर्ण भारत वर्ष विभिन्न हिस्सों से परीक्षार्थी परीक्षा देने आए। सभी परीक्षार्थियों के लिए रहने भोजन की व्यवस्था भामाशाह द्वारा करवाईं गई। सभी परीक्षार्थियों के मुंह में एक ही नाम कि श्रीडूंगरगढ़ जैसा कोई नगर नहीं है जहां परीक्षार्थियों के लिए इतनी अच्छी सुन्दर व्यवस्था की है । तोलाराम मारू कहना है कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है लेकिन सेकंडों गांव रेल सेवा से वंचित हैं। अतः लुणकरणसर से वाया कालू गुसांईसर श्रीडूंगरगढ़ बाना रीडी बीदासर गोपाल पुरा सुजानगढ़ बालाजी धाम सालासर सीकर होते हुए जयपुर रेलगाड़ी के लिए रेल सर्वे कराया जावे जिससे श्रीगंगानगर जयपुर की दूरी 90 किलोमीटर कम हो जायेगी तथा श्रद्धालु बालाजी के दर्शन सुगमता से कर सकेंगे।