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बीकानेर,राहुल गांधी के दिए मंत्र को अब प्रदेश कांग्रेस ने आत्मसात कर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही प्रदेश से लेकर जिला व ब्लाॉक तक के पदाधिकारियों को पैदल मार्च निकालने के निर्देश दिए गए हैं.जयपुर. भले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश से निकल गई हो, लेकिन राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस की सरकार है. साथ ही एक साल बाद यहां विधानसभा चुनाव  होने हैं. ऐसे में यहां के मंत्री, विधायकों व नेताओं को एक बार फिर जन जुड़ाव के लिए मैदान में उतरना है. वहीं, राहुल गांधी राजस्थान से जाते-जाते कांग्रेस के सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं को जनता के बीच पैदल निकलने का मंत्र दे गए. जिसके जरिए अब प्रदेश पार्टी नेतृत्व चुनावी वैतरणी पार करने की फिराक में है.

दरअसल, राहुल गांधी यात्रा के जरिए जन जुड़ाव में लगे हैं, ताकि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव व उससे पहले राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसका  लाभ मिल सके. इधर, पार्टी आलाकमान को भी यह बात समझ में आ गई है कि बिना जनता के बीच गए चुनावी वैतरणी पार करनी मुश्किल है. यही वजह है कि अब राहुल गांधी व पार्टी आलाकमान की ओर से प्रदेश नेतृत्व के साथ ही नेता, मंत्रियों को सीधे जनता के बीच जाने की बात कही जा रही है.वहीं, राहुल के सियासी निर्देशों का प्रतिफल भी अब जल्द ही राजस्थान में देखने को मिलेगा. प्रदेश नेतृत्व ने अब जनता से सीधे जुड़ाव के लिए पैदल यात्रा कर शहरों, कस्बों, गांव, गली, मोहल्लों और घरों तक अपनी पहुंच बनाने का निर्णय लिया है. असल में राहुल गांधी ने राजस्थान के बड़े नेताओं को साफ तौर पर यह  मैसेज दे दिया है कि जनता से जुड़ाव के लिए मंत्री, विधायक और कांग्रेस के नेता पैदल यात्रा शुरू करें. इसमें भले ही वो गिरे, चोट लगे या फिर उनके घुटने छिल जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन जीत के लिए नेताओं का जनता के बीच जाना जरूरी है.

इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह तय कर दिया है कि अब नियमित रूप से बिना समय गंवाए हर महीने की 28 तारीख को सभी मंत्री अलग-अलग जिलों में जाकर स्थानीय विधायकों, कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च करेंगे. बहरहाल, राजस्थान के सभी जिलों में चुनाव तक कांग्रेस पार्टी के ऐसे 10 पैदल मार्च निकाले जाएंगे. जिसमें से 6 पैदल मार्च तो एक तरह से चुनावी मार्च होगी.

कांग्रेस चाहती है कि इन पैदल यात्राओं के जरिए उसके नेता आम जनता के बीच पहुंचे ही नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं से रूबरू भी हो. ताकि सरकार के रहते वो जनता की समस्याओं व जरूरतों पर फोकस कर जनसुनवाई के जरिए वोट बैंक को दुरुस्त कर सके. साथ आगमी चुनावी मेनिफेस्टो में भी लोगों की समस्याओं को शामिल किया जा सके.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हर महीने की 28 तारीख को पैदल मार्च निकालने को लेकर परिपत्र भी जारी कर दिया है. ऐसे में जनवरी 28 से यह यात्रा निकलनी शुरू होगी. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने सभी जिलों से 21 जनवरी तक यात्रा के रूट तय कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भिजवाने के निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि जिले में निकलने वाली यात्रा में प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहेंगे.

हालांकि, यह प्रभारी मंत्री एक बार अपने प्रभार वाले जिले में और एक बार अपने खुद के जिले में यात्रा निकालेंगे. ताकि अलग-अलग मंत्रियों को न केवल अलग-अलग जिलों की जानकारी हो, बल्कि वो अपने जिले और अपनी विधानसभा में भी ध्यान दे सकें. 28 जनवरी से शुरू होने वाले राजस्थान कांग्रेस की यह पैदल मार्च 15 किलोमीटर लंबे होगे. जिसमें मंत्री, 2018 में रहे पार्टी के विधानसभा प्रत्याशी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, जिला कांग्रेस कमेटी के वर्तमान और निवर्तमान जिला अध्यक्ष 15 किलोमीटर पैदल मार्च करेंगे.

इसके अलावा इसमें एआईसीसी, पीसीसी सदस्य, पीसीसी पदाधिकारी, सांसद और सांसद प्रत्याशी, विधायक और विधायक प्रत्याशी, वर्तमान और निवर्तमान जिलाध्यक्ष, निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष, बोर्ड निगम के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, अग्रिम संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, विभागों व प्रकोष्ठ के वर्तमान और निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्षों के साथ ही पार्टी के जिला प्रमुख और प्रधान अपने-अपने क्षेत्रों में यह यात्रा निकालेंगे.

मतलब साफ है कि हर महीने की 28 तारीख को कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक राजस्थान की सड़कों पर पैदल मार्च करता दिखाई देगा. वहीं, इस पैदल मार्च के जरिए कांग्रेस 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है.

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