बीकानेर,सन 2019-20को वैश्विक महामारी का समय ना जाने पूरे विश्व ने क्या क्या देखा सरकारी तंत्र हो या रीति-रिवाज सब एक कमरे में सिमटकर रह गया धर्म नगरी बीकानेर में तो हर दिन एक उत्सव है पर मनुष्य जीवन को बचाने के साथ साथ वह सब जो धर्म आस्था और संस्कृति से जुड़ा है वो भी करना जरूरी है 2020मे वैशाख शुक्ला चवदस को नृसिंह लीला का आयोजन होता है अब बाल हठ इस बात को कहा मानने वाला था उसे तो वह मेला देखना था। बीकानेर में कर्फ्यू और उधर बाल हठ। प्राचीन नृसिंह नृसिंह मे निर्णय लिया गया लीला का मंचन सिर्फ पूजारी जी और मौहल्ले कुछ वरिष्ठ जनो द्वारा निज मन्दिर में ही किया जाएगा अब वो भोली भाली बच्ची जा पहुची उस मन्दिर के प्रांगण में जहां कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुवे लीला का मंचन होना था , मंचन शुरू हुवा नादान बच्ची ने भगवान के चरण कमल स्पर्श करने चाहे तभी किसी ने उस भोली बच्ची को फटकार लगा दी, बस यही से जन्म होता है नूतन नृसिंह लीला का ,जैसे तैसे बच्ची अपने घर आई अब वो ना खाना खाये ना को चंचलता दिखाऐ शून्यता की आगोश में जड़ की तरह बैठी है , सुबह बच्ची के ताऊ जी ने पूछा बेटा क्या बात है ,बस ज्वालामुखी फट पडी नादान बच्ची रो पडी आंसू की झडी लग गई सब स्तंभ क्या हुवा ,प्रेम दुलार से जल ग्रहण करवाया तब उस भोली बच्ची ने नृसिंह लीला में हुवे इस तिरस्कार का वृत्तांत सुनाया ,उसी समय ताऊजी ने बच्ची को वचन दिया अगले साल से नृसिंह लीला तेरे घर के आगे धूमधाम से हर वर्ष मनाई जाएगी । सारा मौहल्ला उस नादान गुडिया के दिये वचन को पूरा करने के लिए जुट गया 2021मे सभी मौहल्ले वासियों ने नृसिंह लीला का मंचन बड़ी धूमधाम से किया देवगण प्रसन्न हुवे । तब से हर साल यह नृसिंह मेला धूमधाम से मनाया जा रहा है
रघुनाथ जी मंदिर नरसिंह मेला कमेटी
रघुनाथ सर कुवा किराडू गली बीकानेर