बीकानेर,सुनारों की नई गवाड़ मैं निवास करने वाले मूलचंद जी सोनी मंडोरा ने अपने एल के जी में पढ़ने वाले छोटे-छोटे पोतो को भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप में इस प्रकार से बनाया है जिसको देखने से वास्तव में बालकृष्ण का ही स्वरूप नजर आता है। इन बच्चों की मुस्कान अदाएं आदि सब बाल गोविंद भगवान श्री कृष्ण से मिलती है। इनके दादा मूलचंद जी ने विशेष तौर से इनको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर बड़े ही अनोखे अंदाज में संवारा हैं। निरंतर आज दो दिन से इन बच्चों को श्री कृष्ण मंदिर में ले जाते हैं और वहां लोग सेल्फी लेते हैं। पीला पीतांबर, मोर मुकुट एवं हाथ में बंसी यह सब होता है लेकिन मूलचंद जी ने खास मोती-मणी की आठ लड़ी माला गले में धारण करवाई जो बहुत ही सुंदर लग रही है साथ ही साथ कमर पर सोने की कंदोरी और भी शोभा बढ़ा रही। सोने के भुज बंद आती शोभायमान लगते हैं। विशेष प्रकार से बनाया गया मुकुट मन को मोहित करने वाला लगता है यह सब प्राचीन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप में आपको अधिकतर देखने को मिलता है लेकिन बीकानेर के मूलचंद जी सोनी ने वास्तविकता में ही अपने पोतो को यह सब आभूषण आदि पहनाकर वास्तविक कृष्ण की ही तरह सजीव बना डाला जो हर किसी को मोहित कर रहा है और साथ ही साथ यह बच्चे निरंतर वायरल भी हो रहे हैं। खास बात यह की इन बच्चों में वही नटखटापन, मंद मंद मुस्कान,रूठना हंसना सब भगवान श्री कृष्ण की ही तरह हें।
मोहित करने वाले यह दृश्य इन बच्चों में समाहित है जो आज हर कोई देखना पसंद करता है। कृष्ण बने इस स्वरूप को लोग सोशल मीडिया पर खूब वायरल कर रहे हैं वंही भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त इन बच्चों में ही भगवान कृष्ण को देखकर मन ही मन प्रसन्नता भी प्रकट कर रहे हैं। आपको बता दें कि इन बच्चों के दादा स्वर्ण आभूषणों के पुराने कारीगर हैं और हिंदू संस्कृति को बहुत महत्वपूर्ण भी समझते हैं। बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार दुलार करने वाले मूलचंद जी सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्तित्व के धनी हैं।