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बीकानेर ‘म्हारा प्यारा रा गजानंद आइज्यौ जी, रिद्धि सिद्धि ने सागै लाइज्यों’, ‘चालो गणेश आपो जोशीजी रे चालो, चोखा सा लगन लिखावो ऐ’, ‘घोड़ी चंग बाजै, चौरासी बाजै घुघरा चमकावणी, आवो हो राज तेजण खड़ी रे सुहावणी’ सरीखे गीतों की गूंज घर • घर में शुरू हो गई। शहर में 18 फरवरी को होने वाले पुष्करणा ब्राह्मण समाज के सामूहिक विवाह

आयोजन को लेकर शादी-विवाह और यज्ञोपवीत संस्कार वाले परिवारों में विवाह के मांगलिक कार्यक्रमों की तैयारियों के साथ मांगलिक गीतों के गायन का दौर भी शुरू हो गया है। घर परिवार और मोहल्ले की महिलाएं व युवतियां सामूहिक रूप से मांगलिक गीतों का गायन कर रही है। हंसी -ठिठोली और तैयारियों से सावे का माहौल परवान चढ़ना हो गया है। सावे से पहले के शुभ मुहूर्तो में जिन परिवारों में विवाह आयोजन होने हैं, उनमें भी मांगलिक गीतों का गायन चल रहा है।

गणेश व देवी-देवता के गीतों से शुरुआत

विवाह वाले परिवारों में शुरू हुए मांगलिक गीतों की शुरुआत भगवान गणेश की स्तुती वंदना से होती है। इसमें भगवान गणेश को घर में आने और विवाह के सभी मांगलिक कार्यक्रमों के निर्विघ्न सम्पन्न करवाने की कामना की जा रही है। 18 फरवरी को जिन परिवारों में विवाह होने हैं, उनमें से कई में मांगलिक गीतों का गायन शुरू हो गया है। कई परिवारों में बसंतपंचमी के दिन से इनकी शुरुआत होगी।

घोड़ी, सुहाग और बन्ना – बन्नड़ी के गीत

महिलाएं मांगलिक गीतों के गायन में घोड़ी, सुहाग और बन्ना बन्नड़ी के गीतों का गायन भी कर रही है। लड़के वाले परिवारों में घोड़ी और बन्ना के गीतों का गायन किया जा रहा है, जबकि लड़की वाले घरों में सुहाग, बन्नड़ी के गीतों का गायन हो रहा है। पारम्परिक मांगलिक गीतों के साथ साथ फिल्मी गीतों की धुनों पर रचे गए नए मांगलिक गीत भी गाए जा रहे हैं।

18 फरवरी को पुष्करणा सावा

प्रत्येक दो साल के बाद होने वाला पुष्करणा सावा 18 फरवरी को होगा। इस दिन गोधूलि वेलां के शुभ मुहूर्त में सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। सावा कार्यक्रम अनुसार व्यास जाति की कन्याओं के हाथधान 14 फरवरी को होंगे। सर्वत्र विवाह कार्यक्रम अनुसार 16 फरवरी को हाथधान, 17 फरवरी को मातृका स्थापना व गणेश परिक्रमा तथा 18 फरवरी को पाणिग्रहण संस्कार होगा। बरी व गुड्डी जान का आयोजन 21 फरवरी को होगा।

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