बीकानेर,श्रीगंगानगर पंजाब ने आरडी 45 से बीकानेर कैनाल में फिर से पानी की मात्रा कम कर दी है। राजस्थान बाॅर्डर के खखां हैड पर बीते दाे दिनाें में पानी की मात्रा 262 क्यूसेक घटकर 1688 क्यूसेक रह गई है।
गंगनहर से पानी की आवक कम हाेने से वरीयताक्रम की जैड व समेजा वितरिकाएं पिट गईं। पानी की आवक कम हाेने से किसानाें काे लगातार दाे-दाे सिंचाई सुविधाओं से वंचित हाेना पड़ रहा है तथा सिंचाई के अभाव में फसलाें पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
बीकानेर कैनाल में इस माह प्रदेश के पानी का हिस्सा 1500 क्यूसेक है, लेकिन औसत तापमान सामान्य से लगभग पांच डिग्री अधिक हाेने के कारण फसलाें में सिंचाई पानी की मांग बढ़ी हुई है। किसानाें की मांग पर गत सप्ताह जल संसाधन विभाग के अधिकारियाें ने पंजाब के सिंचाई अधिकारियाें से बात कर बीकानेर कैनाल में आरडी 45 से पानी की मात्रा बढ़वाई थी, लेकिन अब बीते दाे दिनाें में पानी की मात्रा कम हाेनी शुरू हाे गई है।
दाे दिन में 262 क्यूसेक पानी की आवक कम हाेकर राजस्थान बाॅर्डर के खखां हैड पर 1688 क्यूसेक रह गई है। पानी की आवक कम हाेने से गंगनहर से जुड़ी जैड व समेजा वितरिकाएं पिट गईं तथा किसानाें काे लगातार दाे सिंचाई सुविधाओं से वंचित हाेना पड़ा। किसानाें की मानें ताे पहले 40 दिन में फसलाें में सिंचाई करनी पड़ती थी, लेकिन तापमान अधिक हाेने के कारण नमी जल्दी सूख रही है तथा 25 से 28 दिन में फसलाें में सिंचाई करनी पड़ रही है, ऐसे में लगातार दाे सिंचाई सुविधाएं नहीं मिलने से गेहूं जाै व चना की फसलें जल्दी पकाव में आने की आशंका है। सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में बुधवार काे रेगुलेशन उप समिति की बैठक हुई। इसमें जल वितरण समिति के सदस्याें ने पंजाब से पानी की आवक कम हाेने पर चिंता जाहिर की तथा अधिकारियाें के साथ विचार-विमर्श कर उच्चाधिकारियाें से बात कर पानी की मात्रा बढ़वाने की मांग रखी। इस माैके पर गंगनहर फीडर में सिंचाई पानी उपलब्धता के अनुसार वरीयताक्रम के अनुसार वितरिकाओं में पानी प्रवाहित करने का निर्णय लिया गया। इस माैके पर गंगनहर प्राेजेक्ट चेयरमैन हरविंद्र सिंह गिल, सिंचाई विभाग के एसई धीरज चावला व जल उपयाेक्ता संगमाें के अध्यक्ष आदि उपस्थित थे।