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हनुमानगढ़ नगांधी छाप नोट और न क्रिप्टो करंसी। नशेड़ियों और चिट्टा (नशा) सप्लायर के बीच इन दिनों मोबाइल करंसी चलन में है। चिट्टे के लिए पैसे नहीं है तो फिर मोबाइल फोन दो और पुड़िया ले जाओ। सप्लायर भी बड़े चाव से मोबाइल फोन के बदले पुड़िया थमाते हैं। क्योंकि मोबाइल फोन के बाजार मूल्य की तुलना में बीस से तीस प्रतिशत कीमत का ही नशा दिया जाता है।

इससे सप्लायर को मोटा मुनाफा होता है और नशेड़ियों को नकदी की टेंशन नहीं रहती। मगर मोबाइल करंसी का यह चलन पुलिस और पब्लिक के लिए सिरदर्दी साबित हो रहा है। इससे छीनाझपटी व चोरी की

वारदातें बढ़ रही हैं। पुलिस ने गत एक माह में दो चिट्टा सप्लायर को दबोचा, जिनके कब्जे से करीब दो दर्जन मोबाइल फोन बरामद किए गए। नशेड़ियों ने चिट्टे के लिए यह फोन बेचे जो चोरी व छीनाझपटी कर लाए गए थे।

मोबाइल दो और पुड़िया लो

जानकारों के अनुसार पिछले दो-तीन साल में चिट्टे की खपत व तस्करी जिले में बहुत बढ़ चुकी है। यह बहुत महंगा नशा है। इसकी एक ग्राम की पुड़िया नौ सौ से एक हजार रुपए में मिलती है। इसीलिए चिट्टे के आदी नशेड़ी इसकी तस्करी तथा अन्य पैसों का प्रबंध करने के लिए चोरी छीनाझपटी करने लगे हैं। मगर नकदी, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि को छोड़कर चोरी के अन्य सामान से अन्य सामान को पहले कहीं बेचना पड़ता है, फिर उस पैसे से नशा खरीदते हैं।

केस बता रहे हकीकत

10 जनवरी,13 मोबाइल फोन जब्त,पुलिस ने 10 जनवरी को गांव ढालिया से मोहम्मद सरवर उर्फ झलड़ को दस ग्राम चिट्टे तथा 13 मोबाइल फोन सहित पकड़ा था। फोन चिट्टे की पुड़िया के बदले नशेड़ी दे गए थे।

23 जनवरी,10 मोबाइल पकड़े

टाउन पुलिस ने 23 जनवरी को मधु पत्नी बाबू निवासी प्रेमनगर टाउन को दस ग्राम चिट्टे, दो लाख 23 हजार रुपए, 10 • मोबाइल फोन तथा दो लैपटॉप सहित गिरफ्तार किया।

रेकॉर्ड बरामदगी, रेकॉर्ड मामले

जिले में चिट्टे की बढ़ती तस्करी का प्रमाण यह है कि बीते बरस पुलिस ने रेकॉर्ड मात्रा में चिट्टा बरामद किया। पुलिस ने साल भर में पौने दो किलोग्राम चिट्टा जब्त किया। जबकि इससे पहले कभी भी जिले से 700 ग्राम से ज्यादा चिट्टा बरामद नहीं हुआ था। रिकॉर्ड संख्या में ही 200 से ज्यादा एनडीपीएस के प्रकरण दर्ज किए गए।

 

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