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बीकानेर,शिक्षा निदेशालय के सामने मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग को लेकर शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन धरना तेरहवें दिन धरना जारी, लोक सेवा आयोग 1986 से चयनित वरिष्ठ कार्मिकों को वंचित रखने एवं तीन सन्तान मामले में कोर्ट एवं शासन के निर्णय के विरूद्ध विभाग द्वारा की गई 2023-24 की नियमित डीपीसी को संशोधित करने की मांग के साथ ही इसकी उच्च स्तरीय जांच एवं दोषियों को दण्ड देने की मांग की गई शनिवार शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं पदस्थापन हेतु आॅनलाईन काउंसलिंग की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज शनिवार को अवकाश के दिन तेरहवे दिन जारी रहा।

प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि शिक्षा प्रशासन एवं राज्य सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है लेकिन वास्तव में मांगों पर निर्णयात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है, कर्मचारियों को हजारो रूपये का प्रतिमाह नुकसान उठाना पड़ रहा है, इससे शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। अतः आज पुनः माननीय राज्यपाल महोदय एवं मुख्यमंत्री महोदय सहित उच्च स्तरों को पत्र ईमेल पत्र लिखा गया:-
(1) राज्य सरकार के द्वारा केडर रिव्यु से 2018-19 में मूल पदों को ही संशोधित कर दिया गया था उसे सरकार 01.04.2017 की तिथि से प्रभावी कर दिया है। इस सम्बन्ध में प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा मुख्य लेखाधिकारी एवं वित्तीय सलाहकार के द्वारा आदेश प्रसारित किये जा चुके हैं। अतः इस आधार पर 2018-19 में की गई मंत्रालयिक संवर्ग के सभी पदों की डीपीसी प्रभावी तिथि 01.04.2017 (2017-18) से मूल रिव्यु पदों के अनुसार पुनः की जावे। ताकि उक्त वर्षों में पात्र कार्यरत कर्मचारियों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को पदौन्नति का लाभ प्राप्त हो सके। इसी प्रकार 01.04.2023 से केडर रिव्यु कर मूल पदों को संशोधित कर दिया गया है तद्नुसार 2023-24 की डीपीसी पुनः की जावे।
(2) लोक सेवा आयोग परीक्षा 1986 में चयनित कार्मिकों की वरिष्ठता एवं रिव्यु डीपीसी के सम्बन्ध में निर्णय की पालना के क्रम में वित्त विभाग की आईडी सं. 1022300204 दिनांक 23.01.2023 से सहमति के क्रम में भुगतान किया जा चुका है। परन्तु विभाग के द्वारा सरकार के निर्णयों एवं कोर्ट के निर्णयों की अवहेलना करते हुए इन वरिष्ठ कर्मचारियों को छोड़कर कनिष्ठ कर्मचारियों को पदौन्नति दे दी गई है तथा इस प्रकरण को उलझाते हुए विभाग द्वारा वरिष्ठ कार्मिकों के लिए छायापदों की मांग सरकार से की गई है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। अतः इसकी गहनता से जांच करते हुए दोषी स्तरों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पूर्व में की गई डीपीसी को रिव्यु करते हुए 1986 के चयनित वरिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नत किया जावे, ताकि कोई की अवमानना से विभाग को सुरक्षित रखा जा सके, साथ ही पूर्व में पदोन्नत किये गये कनिष्ठ कार्मिकों को पदावन्नत (रिवर्सन) कर आगामी वर्षों में वरियता में नम्बर आने पर चयनित किया जावे।
(3) तीन सन्तान वाले मामलों में विभाग के द्वारा राज्य सरकार के परिपत्र क्रमांक- प 7(1) कार्मिक/क-2/95 पार्ट दिनांक 27.07.2023 के प्रावधानों के तहत अधिसूचना दिनांक 16.03.2023 से प्रभावित सभी पात्र कार्मिकों की रिव्यु डीपीसी से चयनित करने के पश्चात ही 2023-24 की नियमित डीपीसी की जानी थी परन्तु विभाग ने उक्त अधिसूचना के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 2023-24 की नियमित डीपीसी, रिव्यु डीपीसी से पूर्व ही कर दी गई है, इसे संशोधित किया जावे। इस प्रकरण की भी गम्भीरता से जांच कर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जावे।
(4) पंचायत राज विभाग से आये कार्मिकों के प्रकरणों एवं दिव्यांगजनों के प्रकरणों को भी निस्तारित करते हुए रिव्यु डीपीसी की जावे ताकि कोई भी योग्य कार्मिक पदौन्नति के लाभ से वंचित नहीं रहे।
(5) उक्त बिन्दु सं. 1 से 4 में वर्णित समस्त रिव्यु डीपीसी किये जाने के पश्चात ही 2024-25 की नियमित डीपीसी की जावे।
(6) आगामी होने वाली मंत्रालयिक संवर्ग की अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदौन्नति पर पदस्थापन में आॅनलाईन काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से शत प्रतिशत पदों को प्रदर्शित कर, आदेश प्रसारित करना सुनिश्चित किया जावे।
धरने पर मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक, कमलनारायण आचार्य प्रदेशाध्यक्ष, गिरजाशंकर आचार्य कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, विष्णुदत पुरोहित प्रदेश परामर्शक आदि बैठे तथा धरने के समर्थन में जितेन्द्र गहलोत प्रदेश महामंत्री महासंघ स्वतंत्र, कमलनयन सिंह, द्वारका प्रसाद व्यास, गोविन्द श्रीमाली, शिवकुमार, संजय पुरोहित, सन्तु सिंह, उमेश आचार्य, कैलाश ओझा, विजय कुमार शर्मा, मनमोहन गहलोत आदि निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के कर्मचारी शामिल हुए।

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