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बीकानेर,सरकारी अस्पतालों में की जाने वाली निशुल्क जांचों का कार्य निजी हाथों में दिए जाने का विरोध शुरू हो गया है। भजनलाल सरकार प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में होने वाली निशुल्क जांचों का कार्य निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है।

कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष कल्याण सिंह ने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य जांचों के निजीकरण करने एवं हब एवं स्पाक मॉडल के अंतर्गत जांचें करवाने का निर्णय करते हुए आदेश जारी किए हैं। सरकार के इस आदेश का विरोध प्रदेश भर में शुरू हो गया है। हब एवं स्पॉक योजना उन राज्यों में संचालित की जा रही है, जिन राज्यों में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना नहीं है।
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष इदरीश अहमद जोइया ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांचों का कार्य निजी हाथों में दिए जाने से सरकार पर आर्थिक भार तो बढ़ेगा ही, साथ ही प्रशिक्षित बेरोजगारों के हितों पर शत प्रतिशत कुठाराघात होगा। निजी हाथों में सौंपे जाने से इस जनकल्याणकारी व्यवस्था का एक व्यक्ति एक संस्था के रूप में केंद्रीयकरण हो जाएगा, जो जनहित में नहीं होगा।
अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ राजस्थान के आव्हान पर जिला इकाई की ओर से कलेक्टर को मुख्यमंत्री तथा चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। किया गया।
ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष कल्याण सिंह, राजकुमार व्यास अध्यक्ष मेडिकल कालेज, गोपीचन्द, इदरीश अहमद जोइया, रमेश यादव, जगदीश शर्मा, अजय शर्मा, विनायक पडिहार, सत्येन्द्र गुप्ता, बसन्त मारु, बजरंग वर्मा, कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आनन्द पणिया, राजकुमार जीनगर भी मौजूद रहे।

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