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बीकानेर,अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ,राजस्थान (उच्च शिक्षा) के बीकानेर विभाग के द्वारा आज राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्रताप सभागार में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत “स्वराज 75 और हमारा दायित्व” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पुज्य स्वामी विमर्शानंदगिरीजी महाराज, अधिष्ठाता शिवबाड़ी मठ ने अपने उद्बोधन में बताया कि दायित्व का निर्वहन बाल्यकाल से ही सीखने को मिलता है उन्होंने यह भी बताया कि स्व को जाने बिना दायित्वों का निर्वहन संभव नहीं है। दायित्वों के निर्वहन में देव ऋण, गुरु ऋण पितृ ऋण मातृ ऋण इन सभी का प्राथमिकता से ध्यान रखना आवश्यक है तभी हम भारत की गौरवमयी संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं। भारत की संस्कृति के कारण ही भारत विश्व गुरु था और उसी के आधार पर विश्व गुरु पुनः बन सकता है । नई शिक्षा नीति को लागू कर भारत में इस दिशा में कदम बढ़ाया है।

इससे पूर्व विषय प्रवर्तन करते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान के प्रांतीय संगठन मंत्री डॉ दिग्विजय सिंह ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मनाए जाने वाले कार्यक्रम में स्वराज हेतु आत्म नियंत्रण और आत्मानुशासन का महत्व बताते हुए कहा कि भारत राजनीतिक दृष्टि से गुलाम रहा था भारत कभी भी सांस्कृतिक दृष्टि से गुलाम नहीं रहा भारत की संस्कृति सदा से ही अपनी एक विशेष पहचान रखती थी और रखती है इसी के आधार पर दुनिया में भारत अपना एक विशेष स्थान रखता है।कर्तव्य बोध कार्यक्रम करने वाला एक अनोखा संगठन है जो कर्तव्य का स्मरण अपने सदस्यो को विभिन्न उदाहरणो से करवाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर विनोद कुमार सिंह कुलपति महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर ने की ने। कार्यक्रम के अंत में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ शशि कांत ने सभी का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बीकानेर जिले के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ उज्जवल गोस्वामी ने किया।

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