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बीकानेर,जयपुर रोड़ सहित बीकानेर के चारों तरफ फैले यह स्पा वेश्यावृत्ति के बड़े  बड़े अड्डे बन चुके हैं। जिले में देह व्यापार का कारोबार पुलिस तंत्र से छिपा नहीं है। लंबे समय से यह सिलसिला बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार शहर में जिस्म फरोशी चरम पर है, अनेक पॉश कॉलोनियों में देह व्यापार चल रहा है, इसके अलावा शहर के नामी होटल्स और मसाज पॉर्लर भी जिस्म फरोशी के ठिकाने बने हुए है। इस अनैतिक धंधे में लिप्त ऐजेंट की मांग पर कॉल गलस के फोटो वाट्सअप पर भेजते है और कीमत तय होती है और उसके बाद उस कॉल गल्र्स को बुलवाया जाता है। दलाल सोशल मीडिया पर वीडियों कॉलिंग पर बातचीत को पुलिस से बचने का बहुत सुरक्षित तरीका मानते है। सैक्स रेकेटों का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है। इनके एजेंटे एक-दूसरे से सम्पर्क में रहते है। लड़कियां बदल-बदल कर भेजी जाती है। जिस्म फरोशी का अनैतिक धंधा जहां ऐजेंटों के लिए कमाई का शॉर्टकट है, वहीं कॉल गलस भी महंगे शौक को पूरा करने के लिए अपना जिस्म बेचती है। ऐजेंट और कॉलगर्ल ग्राहक से मिलने वाली रकम को आधा-आधा कर लेते है। ऐजेंटों में कई महिलाएं भी शमिल  है, इनके ठिकानों और फार्म हाउस से लेकर सुनसान इलाके में मकान किराए पर लेकर ग्राहकों को वहां बुलाया जाता है। कुछ दिन तक रखकर ग्राहकों में युवतियों को भेजने के बाद उसे वापस दूसरे शहर में भेज दिया जाता है। बीकानेर में सक्रिय सैक्स रेकेट ज्यादात्तर पश्चिम बंगाल से कॉल गलस बुलाते है, इसके अलावा शहर की बदनाम होटलों, रिसोर्ट और अय्याशी के फार्म हाउसों से जुड़े ऐजेंट दिल्ली – मुंबई की कॉल गल्स को बुलाते है। जयपुर रोड़ पर स्थित एक रिसोर्ट का नाम तो इस मामले में खासा सुर्खियों में है, इस रिसोर्ट में पहुंचने वालों में शहर के नाम सफेदपोश भी शामिल है। खबर तो ये भी है  कि शहर के मसाज पॉर्लर भी कॉल गर्ल्स और जिस्मफरोशी के प्रमुख ठिकानें बने हुए है। एक हजार से दस हजार तक सौदा हर कॉल गल्स की कीमत अलग-अलग होती है, इनमें नव युवतियों के अलावा बड़ी उम्र की महिलाएं भी शिामल होती है। एक हजार से दस हजार तक कीमत देकर ऑनकॉल डिमांड की जाती है। सूत्रों के अनुसार बीकानेर में सक्रिय सैक्स रेकेटों के जरिये अब मुम्बई, दिल्ली, कोलकत्ता, इंदौर, अहमदाबाद, जयपुर समेत कई महानगरों से कॉलगर्ल यहां पहुंच रही है। इन शहरों के लिये चलने वाली लक्जरी बसें कॉल गर्ल्स के बीकानेर आने जाने का प्रमुख साधन है, इनके ठहरने, खाने और शराब तक की व्यवस्था दलाल करवाता है। ग्राहक के निर्धारित स्थान तक उनको छोडने जाया जाता और वहां से वापस लाकर रवाना कर दिया जाता है। नोखा की कई होटलों होती है अय्याशी सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार औद्योगिक नगरी के रूप में विख्यात नोखा की कई होटलें भी अय्याशों का ठिकाना बनी हुई है, इन होटलों में नशाखोरी, जुएबाजी से लेकर जिस्म फरोशी भी होती है। कई गैंगस्टरों,कुख्यात क्रिकेट बुकियों और हवाला कारोबारियों ने भी नोखा के इन होटल संचालकों से अपना नेटवर्क जोड़ रखा है। जानकारी में रहे कि कुछ माह पहले राजू ठेहठ गैंग के बदमाशों ने नोखा के नामी होटल को अपना ठिकाना बना रखा था और एक अपराधिक वारदात में इसका खुलासा भी हो चुका है। अय्याश जगत के तत्वों को नोखा के इन होटलों के नाम टिप्स पर याद है। जबकि वेश्यावृत्ति आज भी पूर्णतः गैरकानूनी है। सब जानते हुए भी आंखें मूंदकर सिस्टम बैठा है

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