Trending Now












बीकानेर,राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ प्रदेश में फ्यूल सरचार्ज को लेकर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था, वह कांग्रेस सरकार ने बढाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया.

2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रुपए 55 पैसे हुआ करती थी, वह अब बढाकर 11 रुपए 90 पैसे कर दी गई है. राजस्थान (Rajasthan) में विद्युत उत्पादन निगम के 10 थर्मल व हाइडल प्लांट और 3 अन्य पावर प्लांट हैं जिनकी कैपेसिटी 8597.35 मेगावाट बिजली उत्पादन की है, लेकिन सरकार की नीतियों के चलते कोयले की कमी, तकनीकी खराबी का बहाना बनाकर यह उत्पादन घटकर महज 3500 से 4000 मेगावाट पर आ गया. वहीं प्रदेश सरकार के गलत प्रबंधन के चलते प्रदेश में प्रति माह 5 से 7 थर्मल पावर प्लांट बंद हो जाते हैं.

राठौड़ मंगलवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के मामले में भी प्रदेश में 17 हजार 143 मेगावाट के विद्युत संयत्र लगे होने के बावजूद इनसे पैदा होने वाली बिजली में प्रदेश की जनता को 3 हजार 326 मेगावाट बिजली ही मिल पाती है. इस हिसाब से देखा जाए तो प्रदेश में उत्पादित बिजली का 23 फीसदी हिस्सा ही प्रदेश को मिल पाता है, जबकि 77 फीसदी उपयोग प्रदेश के बाहर निजी विद्युत कंपनियों के उपयोग में आ रही है.

कोयला खरीद में व्याप्त घोटाले का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने कहा कि हाल ही में कोयला कंटेनरों में 30 प्रतिशत कोयले की चोरी पकडी गई है. जिसमें औसतन एक कंटेनर में दस लाख का कोयला होता है. प्रतिदिन 500 से 600 ट्रकों से कोयला चोरी किया जाता है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती का आरोप लगाते हुए राठौड ने कहा कि एक तरफ सरकार 23.309 मेगावाट क्षमता बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस बिजली होने की बात कहती है, दूसरी तरफ प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती करती है. बिजली की दरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू श्रेणी की महंगी बिजली दरों के मामले में राजस्थान देश में चौथे नंबर पर है.

प्रदेश के करीब डेढ़ करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं को 17 रुपए प्रति यूनिट बिजली महंगी दी जा रही है. गहलोत सरकार में साल 2021 में 13 हजार 793 करोड़ तक की महंगी बिजली खरीदी गई. उसके बावजूद अन्य राज्यों के मुकाबले चालीस प्रतिशत महंगी बिजली उद्योगों को दी जा रही है. महंगी बिजली खरीद के बाद फिर कटौती का संकट उद्योगों को झेलना पड़ रहा है, प्रत्येक सप्ताह में शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक रोटेशन के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है.

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के दौरान की गई आरपीएससी भंग करने और रीट परीक्षा से आहत छात्रों को मुआवजा देने की मांग को जायज बताया. आईएएस ट्रांसफर लिस्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों को पुनः उसी स्थान पर पदस्थापन करने का आरोप लगाते हुए सरकार के भ्रष्टाचार को पतन का कारण बताया. वहीं उन्होंने कहा कि बिजली और पानी संकट को लेकर भाजपा प्रदेशभर में आंदोलन करेगी आगामी 17,18 व 19 मई को प्रदेश के उपखण्डों पर बिजली पानी को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किये जाऐंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार दो भागो में बंटी हुई है. कांग्रेस सरकार के मंत्री खुले मंच से अपनी सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बता रहे हैं. राहत शिविरों का जिक्र करते हुए राठौड़ ने कहा कि आचार संहिता लगने के महज साढे़ चार माह पहले राहत शिविर के नाम पर सरकार अपना प्रोपेगंडा चला रही है. राहत शिविरों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के बजाय प्रोटोकॉल भूल कर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष तय करते है, कि किस नेता को भाषण बाजी के लिए कैंप में भेजना है.

Author