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बीकानेर, जिला साक्षरता समिति के तत्वावधान में 55वें अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य कार्यक्रम साक्षरता सदन सभागार में बुधवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश थे। अध्यक्षता मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा ने की। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ओमप्रकाश ने अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि 55वें अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना होगा कि हम अपने समाज, पड़ौसी, गाँव , प्रदेश एवं देश के असाक्षर को साक्षर बनाने का काम करेंगे । उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शेष रहे असाक्षरों की पहचान कर उन्हें अक्षरों के आलोक में लाएं । उन्होंने कहा कि साक्षरता के महत्व को आमजन तक पहुँचा कर देश को सम्पूर्ण साक्षर बनाने में पढ़े-लिखे लोगों की अधिक भूमिका है। विकास की बात साक्षरता के बगैर संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण का आधार शिक्षा ही है। विकास के लिए महिला एवं पुरूष दोनों को साक्षर करने की जिम्मेदारी हम सब की है।
ओमप्रकाश ने कहा कि साक्षरता के क्षेत्र में राजस्थान ने उल्लेखनीय प्रगति की है। हमें दुनिया की साक्षरता के बराबर आना होगा। उन्होंने बताया कि दुनिया में 86.3 प्रतिशत साक्षरता है जबकि भारत में 73 प्रतिशत एवं राजस्थान में 66.11 प्रतिशत साक्षरता है , इस दूरी को हमें दुनिया भर की साक्षरता के बराबर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में साक्षरता का प्रतिशत बढ़ा है।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. राजकुमार शर्मा ने साक्षरता कर्मियों का आहवान करते हुए कहा कि साक्षरताकर्मियों को लगन एंव निष्ठा से काम करने की जरूरत है। पंचायत स्तर पर साक्षरता कक्षाएँ संचालित हों एवं पढना-लिखना अभियान के माध्यम से अधिकाधिक संख्या में नवसाक्षर जुडें।
उन्होंने जन-प्रतिनिधियों का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे नियमित रूप से साक्षरता अभियान की समीक्षा करें, साक्षरता कर्मियों को सहयोग करें।
कार्यक्रम संयोजक एवं सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने कहा कि जिले की साक्षरता प्रतिशत 65.13 है। जिसमें भी महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत 53.23 है। जिले में महिलाओं का साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए साक्षरता अभियान से महिलाओं को जोड़ना होगा , जिले के तमाम पढ़े-लिखे लोग इस अभियान में कार्य करेंगे, असाक्षरों को साक्षर बनाऐंगे, तभी हमारा जिला आगे बढ़ पाएगा। जिले के प्रत्येक ग्राम में साक्षरता कक्षाओं का संचालन हुआ है। उन्होंने कहा कि 55वां अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमें समाज और देश के प्रति नेक कार्य करने की प्रेरणा देता है। साक्षरता प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने कहा कि साक्षरता के माध्यम से ही आज हमारे समाज एवं देश के हर क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे है।
जोशी ने कहा कि महिलाओं के असाक्षर होने के कारण उनके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इसके लिए उन्हें स्वंय साक्षर होना पड़ेगा तथा अपने आस पास के लोगों को भी साक्षर होने के लिए जागरूक करना पड़ेगा। जोशी ने कहा कि पहला अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में मनाया गया था तथा यह पूरे विश्व मे आज के दिन मनाया जाता है। इसी के तहत जिले में भी गत 3 दशक से भी अधिक समय से यह दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पढना-लिखना अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाले 3 साक्षरता शिक्षक रामकिशन बिलनीयासर, पूनम चंद खारिया मलीनाथ, बसंत कुमार इन्द्रपालसर सांखलान एवं 3 स्वंयसेवी शिक्षकों सर्व संतोष कुमारी सहनीवाला, बुद्धि देवी शोभाणा, मूमल कंवर नालबडी को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि ओमप्रकाश, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद बीकानेर, डॉ. राजकुमार शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, सुरेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा बीकानेर, हेतराम (रमसा) समग्र शिक्षा, सहायक परियोजना अधिकारी राजेन्द्र जोशी ने कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए मां सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित किया । जिला साक्षरता समिति की ओर से अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम में सुरेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा और रमसा के हेतराम ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में सहायक परियोजना समन्वयक कैलाश कुमार ने आभार जताया।

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