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बीकानेर, स्वतंत्रता सेनानी मालचंद सोनी ट्रस्ट के तत्वावधान में शनिवार को स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी मालचंद सोनी की उन्नीसवीं पुण्यतिथि के अवसर पर जुबिली नागरी भण्डार स्थित सुदर्शना कला दीर्घा में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समीक्षक अशफाक कादरी एवं समारोह के विशिष्ट अतिथि व्यंग्यकार-सम्पादक डॉ.अजय जोशी रहे।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने सोनी को जीवन भर सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए नीँव के पत्थर की तरह काम करने वाला व्यक्तित्व बताया। अध्यक्षीय उद्बोधन में कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा की स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी पहचान छिपाकर काम करने वाले मालचंद सोनी का कृतित्व प्रेरणादाई रहा है, उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मालचंद सोनी ने अपना मूल व्यवसाय छोड़कर सड़क पर बैठकर व्यवसाय किया जिससे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए समाचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। जोशी ने कहा कि मालचंद सोनी प्रजा परिषद में एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे, उन्होंने सदैव दरी बिछाते हुए अपनी दुकान पर आंदोलन के लोगों को आश्रय दिया, एक दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों को सूचना देने का बखूबी काम किया। जोशी ने कहा कि वह प्रजा परिषद के सभी सदस्यों के विश्वास पात्र व्यक्ति थे। राजतंत्र को धत्ता बताते हुए उन्होंने लोकतंत्र के लिए काम किया ऐसे देशभक्त स्वतंत्रता सेनानियों को हमें याद करते हुए गर्व होता है।

मुख्य अतिथि अशफाक कादरी ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में मालजी खादी व जन जागरण के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने लगे। जुलाई 1942 से प्रजा परिषद की गतिविधियों व खादी के प्रचार प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाई। इनका मुख्य काम पर्चे बांटना, पोस्टर चिपकाने से लेकर दरियां बिछाना व सभाओं का प्रचार करने का था। जब सन् 1945 में दूधवाखारा किसान आन्दोलन वैध मघाराम के नेतृत्व में शुरु हुआ तब 500 किसानों का जुलूस था जिसमें रामनारायण शर्मा के साथ मालचन्द सोनी पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी। विशिष्ठ अतिथि डॉ.अजय जोशी ने कहा कि देश आजाद होते ही मालचन्द सोनी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की जो जीवनपर्यन्त कांग्रेस में सक्रिय रहे। आपने साईकिल रिपेयरिंग की दूकान कोटगेट से हटाकर रानी बाजार चौराहे पर कर ली। दूकान तो एक बहाना था साथियों के साथ बैठने का। आपकी इस दूकान पर बडे बडे राजनेता आते और देश-प्रदेश के विकास पर लम्बी चर्चाएं करते। आपने नगर परिषद चुनाव में तीन बार बीकानेर के सबसे बडे वार्ड 35 नम्बर का प्रतिनिधित्व किया और भारी मतों से जीत प्राप्त की। आपके प्रयासों से ही कांग्रेस उम्मीद्वार इस वार्ड से ही जीत प्राप्त कर विधायक बनते।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती एवं मालू काका के चित्र पर पुष्पांजलि की | देशभक्ति वंदना “जय भारत जय भारती” मनीषा आर्य सोनी ने की। समन्वयक शिवकुमार सोनी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए ट्रस्ट की गतिविधियों के बारे में बताया। ट्रस्ट के सचिव राजाराम स्वर्णकार ने मालचंद सोनी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से पत्र वाचन करते हुए स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनके द्वारा दिए गए योगदान को रेखांकित किया। समारोह में स्वतंत्रता सेनानी परिवार से शांतिलाल शर्मा को “स्वतंत्रता सेनानी मालू काका” स्मृति अवार्ड प्रदान किया गया। मंच के साथ आत्माराम भाटी, डॉ.गौरीशंकर प्रजापत ने शोल ओढाया, जुगलकिशोर पुरोहित ने श्रीफल भेंट किया। शांतिलाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मालू काका सबके हितैषी, जनप्रिय नेता थे उन्होंने मेरे पिताजी स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण शर्मा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वतंत्रता के आन्दोलन में सक्रियता से भाग लिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने ऑनलाइन संदेश देते हुए कहा कि एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मालचंद सोनी का योगदान सराहनीय था, इसे तो सभी मानते हैं पर साथ में वे एक कुशल एवं सेवाभावी पार्षद, जुझारू व्यक्ति, आन्दोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले नेता व सुलझे हुए विचार-पुरुष भी थे। ऑनलाइन संदेश में पूर्व मंत्री बी.डी.कल्ला ने कहा कि मालू काका स्वतंत्रता सेनानी के साथ एक सुलझे हुए जुझारू राजनीतिज्ञ थे। कार्यक्रम में साहित्यकार धीरज पारीक, पत्रकार मोहम्मद रफीक पठान, सुंदरलाल सोनी, पुष्पा सोनी, जेठमल सोनी, महेश कुमार सोनी, विष्णुकुमार सोनी, डॉ. मोहम्मद फारुक चौहान, कासिम बीकानेरी, गिरिराज पारीक, मोनिका गौड, श्रीगोपाल स्वर्णकार, प्रेमप्रकाश सोनी, संतोष व्यास, बाबू बमचकरी, मुहम्मद सलीम उस्ता, ऋतू सोनी, कमल सोनी, निर्मल सोनी सहित अनेक महानुभाव उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार डॉ.नासिर जैदी ने किया। प्रेमनारायण व्यास ने संस्था की तरफ से सभी का आभार ज्ञापित किया।

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