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,यह भी एक संयोग रहा कि आज से 28 साल पहले दिसंबर,1994 से ही अनिल छंगाणी ने  बंदरों पर Ph.D. का शोध कार्य प्रोफेसर एस एम मोहनोत सर के निर्देशन में आरंभ किया था। मोहनोत सर को देश और दुनिया में फादर ऑफ इंडियन प्राईमेटोलॉजी (वानर विज्ञान) के नाम से भी जाना जाता है!! अनिल छंगाणी बताते हैं कि बंदरों में भी विभिन्न प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है जिसको लेकर अलग-अलग भ्रांतियां है बंदर भी एक मानव के समान समझदार इंसान की तरह है। वर्ष 2000 से आज ही के दिन मंकी डे की शुरुआत की गई। जिसका श्रेय केसी सॉरो और एरिक मिलीकिन को जाता है। जिन्होंने लोगों के मन में जानवरों के प्रति प्यार जगाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय बंदर दिवस की शुरुआत की.

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