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बीकानेर,जिले में 2 करोड़ बोरी यानी 7 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होता है. जिसकी ज्यादातर खपत तेल व दाना बनाने में होती है और कुछ मूंगफली गुजरात  के व्यापारी ले जाते हैं.

बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव वीरेंद्र किराडू एवं उद्यमी बृजमोहन चांडक ने कृषि मंत्री राजस्थान सरकार किरोड़ीलाल मीणा को पत्र भिजवाकर मूंगफली उद्योगों को संरक्षण देने बाबत माँग रखी है. पत्र में बताया गया कि बीकानेर के लिए यह दुर्भाग्य है कि बीकानेर से गई मूंगफली गुजरात से दाना बनकर वापस राजस्थान में आती है जिससे यहाँ के उद्योगों व किसानों दोनों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस हेतु कृषि विभाग बीकानेर को यह निर्देशित किया जाना चाहिए कि यहाँ के उद्योगों द्वारा मूंगफली दाना बीज के रूप में किसानों को दिलवाया जाए. बीकानेर की मूंगफली का गुजरात जाना और वहां से दाना बनकर वापस राजस्थान  में बिकने के लिए आने से यहाँ का मूंगफली उद्योग गुजरात की तुलना में पिछड़ रहा है और मूंगफली उद्योग से जुड़े लगभग 25 से 30 हजार श्रमिकों की आजीविका पर प्रभाव भी पड़ रहा है. साथ ही बीकानेर से मूंगफली दाना यूरोप, वियतनाम, बांग्लादेश, नेपाल, रूस, चीन, इंडोनेशिया आदि देशों में निर्यात किया जाता है. वर्तमान में बीकानेर में गिरनार 4 क्वालिटी का आईसीएआर द्वारा बीज विकसित किया है जो आने वाले दिनों में किसानों व उद्योगों दोनों के लिए फायदेमंद होगा. यह बीज जमीन पानी व वातावरण के अनुसार तैयार किया गया है इससे उत्पादन भी बढ़ेगा. वर्तमान में जमीन में पोषक तत्वों की कमी की वजह से मूंगफली में टिकी की बहुत अधिक समस्या आ रही है इस कारण देश और विदेश में माल बिकने में समस्या आ रही है और सारा माल स्टॉक में पड़ा हुआ है. मूंगफली में बोरोन की कमी के लिए लेब टेस्ट करवाना आवश्यक है इसके लिए सरकार को गाँव गाँव केम्प लगाकर जमीन व पानी की गुणवत्ता की जांच करवाकर उसमें होने वाली कमी की पूर्ती करवाई जानी चाहिए

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