Trending Now




बीकानेर,जयपुर। राजस्थान सरकार चिकित्सा क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य का अधिकार कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस बिल को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। शनिवार सुबह 8 बजे से प्रदेश के निजी अस्पतालों में ओपीडी-इमरजेंसी बंद रखी गई। राजस्थान के 1500 से अधिक अस्पताल ऐसी सरकारी योजनाओं से जुड़े हैं।

उधर, निजी अस्पतालों के इस विरोध के समर्थन में सरकारी अस्पतालों में सुबह करीब दो घंटे ओपीडी बंद रखी गयी. इधर, इस विधेयक को लेकर शनिवार को विधानसभा की प्रवर समिति की बैठक भी हुई। बैठक में किसी बात पर सहमति नहीं बनी। इसके बाद निजी अस्पतालों की ओर से फैसला लिया गया कि अब वे आरजीएचएस (राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना) और चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं कराएंगे। यानी अब निजी अस्पताल में कैश या मेडिक्लेम पर ही इलाज हो सकेगा। इधर, प्रवर समिति की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद 15 फरवरी को दोबारा यह बैठक बुलाई गई है.निजी हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने कहा कि हम शुरू से ही राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करते आ रहे हैं. सरकार अब जबरदस्ती इस बिल को पास कर हम पर थोपना चाहती है। अब हमारी संस्था ने निर्णय लिया है कि सभी निजी अस्पताल संचालक राज्य सरकार की सरकारी योजनाओं का विरोध करेंगे।इन योजनाओं के तहत अब मरीजों को इलाज नहीं दिया जाएगा।

Author