बीकानेर,अभिनेता संजय दत्त की मुन्नाभाई एमबीबीएम मूवी में एफएम रेडियो काफी चर्चा में रहा था.ठीक उसी तरह अब जेलों में भी एफएम रेडियो सुनाई दे रहे हैं.
खास बात है कि जेल के बंदियों ने अपना रेडियो स्टेशन खुद तैयार किया है.अब यहां वे सप्ताह के सात दिन अपनी पसंद के तराने सुन सकेंगे.मुख्यमंत्री नवाचार निधि योजना के तहत यह नवाचार किया है.
अपराध छोड़कर बनें सुयोग्य नागरिक
अजमेर सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता बंदियों के जीवन में बदलाव लाने और उनका जीवन बेहतर बनाने के उद्देश्य से डीजी (जेल) भूपेंद्र कुमार दक के निर्देशन में मुख्यमंत्री नवाचार निधि योजना से रेडियो स्टेशन तैयार किया.यहां सजायाफ्ता बंदी रोजाना डेढ़ घंटे अपनी पसंद के गाने, गजल, हेल्थ टिप्स और ज्ञानवर्धक बातें सुन सकेंगे.अजमेर के जिला कलेक्टर अंशदीप ने अभिनव पहल करते हुए बंदियों के लिए जेलवाणी का शुभारंभ किया.उन्होंने जेलवाणी के जरिए बंदियों से कहा कि नवाचार का उद्देश्य यह है कि बंदियों का आचरण अच्छा होगा.वे कठिन समय को सकारात्मक सोच के साथ व्यतीत करें.शिक्षा हासिल करने के साथ अनुशासन में रहें.उन्होंने बंदियों को अपराधवृत्ति छोड़कर समाज के सुयोग्य नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया.
देशभक्ति गीत से शुरू हुई जेलवाणी
इस मौके पर जेल के रेडियो चैनल पर सबसे पहले देशभक्ति गीत बजाया गया.जिला कलेक्टर की फरमाइश पर आरजे महेंद्र जैन ने पूरब और पश्चिम फिल्म के गीत ‘है प्रीत जहां की रीत सदा..’ सुनाया.सजायाफ्ता बंदी महेंद्र जैन और दिनेश के साथ हेड कांस्टेबल प्रकाश वर्मा ने रेडियो जॉकी की भूमिका निभाई.सजायाफ्ता बंदी प्रकाश ने ख्यातनाम रेडियो जॉकी अमीन सहानी के अंदाज में बंदियों की फरमाइशें सुनाईं.जेलवाणी के उद्घाटन कार्यक्रम में जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल,कारापाल लालचंद,मुकेश भाटी,उप कारापाल स्वरूप सिंह,महावीर सिंह,तरसेम सिंह,रविंद्र कुमार,मुख्य प्रहरी भवानी सिंह,प्रहरी जितेंद्र सिंह,गणेश खोजी और विजय मौजूद रहे.
मानसिक तनाव से मिलेगी मुक्ति
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने कहा कि संगीत ध्यान है, मानसिक औषधि है. वैज्ञानिक रिसर्च में यह तथ्य प्रमाणित हुआ है कि संगीत मानसिक तनाव दूर करता है.संगीत से मन शांत होता है और नकारात्मकता दूर होती है.लंबे समय तक परिवार से दूर रहने और कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदी उदासीनता व अवसादग्रस्त महसूस करते हैं.मानसिक तनाव को दूर करने के लिए जेलवाणी कार्यक्रम शुरू किया. भीलवाड़ा जिला कारागार,कोटा केंद्रीय कारागृह में शुरू हुए जेलवाणी के सकारात्मक परिणाम आने पर अजमेर केंद्रीय कारागृह में भी जेलवाणी की शुरूआत की गई है.
हफ्ते के सात दिनों के लिए सात थीम
जेलवाणी का प्रसारण सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग थीम पर होगा. रोजाना दोपहर साढ़े 12 से 2 बजे तक अलग-अलग थीम पर कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा.
- सोमवार को सलाम-ए-हिन्दुस्तान में देशभक्ति गीत बजाने के साथ प्रदेश में चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देंगे.
- मंगलवार को भूले बिसरे गीत में पुराने गानों के साथ राजस्थान व अन्य राज्यों के इतिहास, जेल अनुशासन की जानकारी देंगे.
- बुधवार को जरा मुस्करा दो थीम में बंदियों की स्वरचित हास्य,व्यंग्य कविता को आपणी जेलवाणी व बंदियों की फरमाइश पर पुराने फिल्मी गीत सुनाएंगे.
- गुरुवार को आराधना में धार्मिक भावना का ध्यान रखते हुए प्रसिद्ध संतों के प्रवचन,भजनों का प्रसारण करेंगे.
- शुक्रवार को महफिल-ए-तरन्नुम में बंदियों की लिखी गजल व शायरी सुना सकेंगे. विधिक सहायता, पैरोल, मुलाकात की जानकारी फिल्मी व प्रसिद्ध गजलों के साथ देंगे.
- शनिवार को आपकी फरमाइश में लता मंगेशकर,किशोर कुमार,मोहम्मद रफी के गीत बंदियों की फरमाइश पर सुनाने के साथ ही तनाव मुक्ति एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देंगे.
- रविवार को रेडियो धमाल में फिल्मी गीत सुनाएंगें.जेल अधिकारी अपनी बात बंदियों तक पहुंचा सकेंगे.