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बीकानेर,मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग,पी.बी.एम. चिकित्सालय बीकानेर द्वारा आयोजित सात दिवसीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024 (4 से 10 अक्टूबर) मनाया गया। आज अन्तिम दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानावार्य एवं नियंत्रक सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर से डॉ, गुजन सोनी ने की, इस दौरान डॉ. सोनी ने मानसिक स्वास्थ्य की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, बीकानेर माननीय महेश शर्मा, जिला विधिका सेवा प्राधिकरण, बीकानेर से समिव, श्रीमति रैना शर्मा, श्री जयदीप सिंह एडवोकेट, मानसिक रोग विभाग से आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ० हरफूल सिंह, आचार्य डॉ० श्रीगोपाल गोयल, सहायक आचार्य डॉ० ज्योति चौधरी सीनियर रेजिडेन्ट डॉ० राकेश सारयान, डॉ० भारती मोहनपुरिया, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल समस्त रेजिडेन्ट डॉक्टर्स, नर्सिंग अधिकारी, पैरामेडिकल अधिकारी, मेडिकल व नर्सिंग छात्र व गणमान्य व्यक्ति

उपस्थित थे। सॉ० गुंजन सोनी ने अपने उद्बोधन में बताया कि मानसिक रोग नोन कम्युनिकेबल डिजीज जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटिज, हद्वय रोग, कैसर इत्यादि की तरह ही है। किन्तु मानसिक रोग के कारण मनुष्य की कार्य क्षमता प्रभावित होने का प्रतिशत अन्य बीमारियों की तुलना में सर्वाधिक पाया जाता

है। पश्चिमी देशों के पश्चात अब भारत में भी मानसिक रोग एवं आत्महत्या विशेषकर 16 से 25 की युवा पीढी में गम्भीर समस्या बनत्ती जा रही है जो चिन्ता का विषय है। यह दिन दूर नहीं जब आगामी कुछ वर्षों में अवसाद एक वैश्विक माहामारी का रूप ले लेगा।

डॉ० हरफूल सिंह ने बताया सात दिवसीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024 के दौरान विभाग के द्वारा कि गई विभिन्न गतिविधियों के बारे में

विस्तार से बताया कि विभाग द्वारा इस सप्ताह में प्रेस वांता, ग्रीन रिवन गेट मिटीगं, कोचिग सस्थानो में संवादात्माक सत्र, नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज में संवादात्भाक रात्र निबन्ध लेखन, स्लोगन लेखन, पोस्टर निर्माण, रंगोली निर्माण का सफल आयोजन किया गया। तथा बताया कि मानसिक रोगियों के मुख्य लक्षण, निराशा, अकेलापन, दुख की भावना, अपराध-पश्चाताप का बोध, निर्णय क्षमता की कमी, शनकीपन, अनिद्वा भूख व वजन में कमी, कार्य में अरुचि, मतिभ्रम, यादाशत में कमी, अज्ञात भय एवं आत्महत्या के विचार इत्यादि है। हमारा सामाजिक परिवेश भी बहुत हद तक इसके लिए उत्तरदायी है। आज भी हम मनोरोगों को नजरअन्दाज और छुपाकर झाड़-फूंक करवाने, नीम हकीम और फकीरो वो चक्कर में रहने, होगी को बेडीयों में बाध कर रखने, उसके सामाजिक बहिस्कार और उसकी हत्या तक कर देते है जबकि उसे तुरन्त चिकित्सक उपचार, उचित

देखभाल, पारिवारिक व मानसिक सम्बल की जरूरत होती है। डॉ० श्रीगोपाल ने बताया की इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह की मुख्य थीम “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय आ गया है। इसबके लिए जरूरी है कि कार्यस्थल पर कर्मचारी को स्वस्थ वातावरण मिले उसकी रचनात्मकता एवं क्रियात्मकता को प्रोत्साहित किया जायें। परस्पर सामंजस्य बढाया जाये, सहानुभूति पूर्वक सवाद रखा जाये, नियमित स्क्रीनिंग करवायी जायें उचित मार्गदर्शन व परामर्श प्रदान किया

जायें। मानसिक रूप से स्वस्थ कर्मचारी ही विभाग या संगठन की उत्पादकता को बढ़ा सकता है।

श्रीमति रैना शर्मा ने विधिक जानकारी देते हुए कहा कि भारत का संविधान मनोरोगियों के भी मूल अधिकारों की रक्षा करता है। मानसिक रोगियों के साथ भेदभाव पूर्वक अन्याय मारपीट, सामाजिक बहिस्कार या हत्या जैसे अपराध करने पर दंड संहिता बिना भेदभाव पूर्वक उनके अधिकारों की रक्षा एवं न्याय प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। साथ ही उन्होने आमजन को बताया कि कोई भी व्यक्ति विधिक राय लेने के लिए टील फ्री नम्बर 15100 पर कॉल कर सकता है।

माननीय महेश शर्मा ने बताया कि अभिभावक अपनी महत्वकाक्षाएं व इच्छाए अपने बच्चों पर न थोपे और उन्हें उनकी रूचि के अनुसार कार्य करने की छूट एवं प्रोत्साहन प्रदान करें। अभिभावको को अपने बच्चो का मालिक बनने के स्थान पर उनके ट्रस्टी बन कर देखभाल करनी चाहिए। जिससे किशोरी में आत्महत्या को कम किया जा सकता है। तथा बचपन में बाल मन पर हुए अत्याचार या घटित घटनाओं का उनके मस्तिष्क पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है जो आगे जाकर मानसिक विकृतियों को जन्म देता है।

अन्य कार्यक्रम के तहत में स्वामी केशवानन्द विश्वविद्यालय, बीघ्रवाल, बीकानेर में छात्रों व कार्यरत कार्मिको के साथ संवाद करते हुए डी० श्री गोपाल गोयल व क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024 की थीम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जहा कई भी पब्लिक रिलेशन की कार्यव्यवस्था है वहां कार्मिकों को आम जनता के प्रति सदैव सहयोग की भावना के साथ कार्य करने से सेवा प्रदाता और ग्राहक के साथ संबंध प्रगाढ होते हैं।

मुख्य अतिथियों द्वारा निबनः जेखन, स्लोगन लेखन के प्रतिभागियों को पुरस्कार एवम् प्रशस्ति पत्र देकर विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024 कार्यक्रम का समापन किया गया।

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