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बीकानेर,पी एम मोदी ने हाल ही मन की बात कार्यक्रम में वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दोहराते हुए देशवासियों से स्वदेशी वस्त्र, परिधान और उत्पाद अपनाने की अपील की है। इसी दिशा में बीकानेर स्थित क्राफ्टी बेली निरंतर हथकरघा, हस्तशिल्प और स्वदेशी वस्त्रो को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।
यह संस्था न सिर्फ़ महिला दस्तकारो की आजीविका का साधन उपलब्ध करा रही है बल्कि भारतीय संस्कृति और पारंपरिक शिल्प को भी नई पहचान दिला रही है। क्राफ्टी बेली का मानना है कि हर महिला को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना ही सच्चे अर्थों में वोकल फॉर लोकल का पालन है।
ग्रामीण अंचलों की महिलाओं के हुनर को मंच देकर क्राफ्टी बेली ने बीकानेर के पारंपरिक क्राफ्ट कसीदाकारी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है। यह पहल न केवल दस्तकारो की आर्थिक मदद कर रही है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती भी प्रदान कर रही है।
क्राफ्टी बेली के संस्थापक स्व. श्री अब्दुल जब्बार मांगलिया ने अपने जीवनकाल में भारतीय शिल्प और ग्रामीण महिला दस्तकारों के उत्थान का सपना देखा था।
मोहसिन ख़ान मांगलिया ने कहा की हमारा प्रयास सिर्फ़ उत्पाद बेचना नहीं है बल्कि हर ग्रामीण महिला को आर्थिक मजबूती देना है। जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है तो एक परिवार और समाज मजबूत बनता है।
फैशन डिजायनर नीलोफर ख़ान ने कहा की भारतीय परिधान और कारीगरी को आधुनिक रूप देकर हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे है। हमारा उद्देश्य है कि हर भारतीय स्वदेशी अपनाये और गर्व से कहे की यह भारत में बना है।

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