
बीकानेर,भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में आज दिनांक 11 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री के कर कमलों से ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ तथा ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के शुभारम्भ कार्यक्रम का नई दिल्ली से का सीधा प्रसारण किया गया। सीधे प्रसारित कार्यक्रम के दौरान माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलों से कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित अनेक राष्ट्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी संपन्न हुआ। केन्द्र में माननीय प्रधानमंत्री जी के संबोधन का सीधा प्रसारण (Live Telecast) किया गया, जिसे उपस्थित किसानों ने अत्यंत उत्साह के साथ देखा और सुना। प्रधानमंत्री जी द्वारा आरंभ की गई योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय वृद्धि, कृषि में आत्मनिर्भरता तथा सतत विकास की दिशा में नए द्वार खुलने की संभावना पर प्रकाश डाला गया।
इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल के अनुरूप, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली के निर्देशन में भा.कृ.अनु.प.–राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एन.आर.सी.सी.), बीकानेर द्वारा केन्द्र परिसर में एक विशेष संवाद कार्यक्रम (Interaction Programme) का आयोजन किया गया जिसमें बीकानेर जिले के खीचिया, केसरदेसर, जांगलू, स्वरूपदेसर, गैरसर, मोलानिया, सोनियासर , सरूपरा, नापासर, जलालसर आदि गांवों के लगभग 250 (पुरुष-महिला) किसानों सहित एनआरसीसी एवं बीकानेर स्थित आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों,अधिकारियों, कर्मचारियों ने उत्साही सहभागिता निभाई।
इस अवसर पर बीकानेर जिले के जेठानंद जी व्यास, विधायक, बीकानेर पश्चिम ने केन्द्र में आयोजित इस विशेष संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे। समारोह के दौरान माननीय विधायक श्री जेठानंद जी व्यास ने किसानों एवं पशुपालकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें ग्रामीण संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हुए खेती एवं पशुपालन व्यवसाय से जुड़े रहना होगा तभी हम, भारत देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर तेजी से अग्रसर होंगे। उन्होंने किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी, इससे जुड़े प्रशिक्षण तथा भारत सरकार की किसानों के कल्याणार्थ योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने क्षेत्रीय कृषि विकास, गाय, ऊँट आधारित आजीविका और किसानों की भागीदारी के महत्त्व पर बल दिया गया।
केन्द्र निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने इस दौरान संस्थान द्वारा किसानों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि यह संस्थान उष्ट्र संरक्षण एवं विकास तथा किसानों एवं पशुपालकों की उन्नति के लिए सदैव तत्परता से कार्य करता रहेगा। कार्यक्रम के पश्चात केन्द्र में भारत सरकार की अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत चयनित किसानों को कृषि संसाधन (इनपुट) किट का वितरण किया गया। साथ ही ऊँट दुग्ध उत्पादों के प्रदर्शन, उष्ट्र प्रदर्शनी तथा किसानों के साथ संवाद सत्र जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें किसानों ने गहरी रुचि दिखाई।