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बीकानेर,राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार यूपीए की नेता सोनिया गांधी के जरिए नहीं, ममता बनर्जी के बुलावे पर विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली में राष्ट्रपति उम्मीदवार के चयन को लेकर एकजुटता दिखाई है। ममता राष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी के किसी भी नेता को नहीं उतारेंगी, लेकिन विपक्ष की एकता के जरिए 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को डैमेज करने का प्लान तैयार कर चुकी हैं।

इस खबर में हमने आपके लिए एक पोल भी रखा है। सवाल का जवाब देते हुए आगे पढ़ते हैं।

बीते दिनों 5 राज्यों के चुनाव में ममता गोवा, मणिपुर में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में पलट गईं। ममता ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे बड़े राज्यों से आने वाली 200 लोकसभा सीटों पर स्थानीय नेतृत्व के जरिए भाजपा को नुकसान पहुंचाने का प्लान तैयार किया है।

4 राज्यों की लोकसभा सीट पर ममता का प्लान
उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं। देश के सभी राज्यों में सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में 40 से ज्यादा सीटें लोकसभा की आती हैं। ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर के साथ बीते दिनों बंगाल का चुनाव लड़ा था। बंगाल के चुनाव में प्रशांत किशोर की प्लानिंग और ममता बनर्जी के मॉडल ने BJP के पूरे प्लान को फेल कर दिया था।

TMC के सूत्रों के मुताबिक, ममता का प्लान है कि लोकसभा सीटों को भाजपा से कम किया जाए। महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी के माध्यम से BJP की सीटों को शिवसेना और कांग्रेस के त्रिकोणीय समीकरण के साथ कम किया जाए। इसके अलावा ममता बनर्जी खुद पश्चिम बंगाल में अकेले मोर्चा संभालते हुए मौजूदा भाजपा के सांसदों को तोड़कर TMC में शामिल करवा रही हैं।

अब उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें बचीं जहां से भाजपा अन्य राज्यों में पिछड़ने के साथ उत्तर प्रदेश में बढ़त बना रही है। अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सीधी टक्कर दी थी। ममता बनर्जी अखिलेश और जयंत के सहारे उत्तर प्रदेश की लोकसभा में भाजपा की सीटों को कम करने का समीकरण तैयार कर रही हैं। वह उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव को ऐसा चुनाव लड़वाना चाहती हैं कि भाजपा की सीटें 2019 से भी कम आएं।

पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार में लोकसभा में हो सकता है नुकसान
अगर 4 राज्यों की लोकसभा सीटें जोड़ ली जाएं तो 200 से ज्यादा सीटें होती है। जिस तरीके के पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के सांसद लगातार टूट कर TMC में शामिल हो रहे हैं। उससे यह साफ संदेश है कि 2024 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ी चुनौती मिलने वाली है।

राजनीतिक गलियारे में अभी चर्चा है कि नीतीश कुमार और लालू यादव के परिवार के बीच बीते दिनों कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं, जिससे भाजपा में घबराहट बढ़ गई। आरजेडी और जेडीयू के बीच बड़ी नजदीकियों से भाजपा की चिंता लोकसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई है।

अब बात महाराष्ट्र की करते हैं। जहां पर महाअघाड़ी गठबंधन की सरकार है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कांग्रेस और एनसीपी के साथ चल रही सरकार को तोड़ने और गिराने को लेकर कई बार कयास और चर्चाएं हुईं, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। ऐसे में प्रदेश में भाजपा सरकार का ना होना और लोकसभा चुनाव में मौजूदा सरकार का प्रभाव लोकसभा सीटों पर बड़ा असर डाल सकता है।

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