बीकानेर,मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा अभी से मोहर्रम बनाने की तैयारियां शुरू हो गई। इस्लामिक कैलेंडर के साल 1446 हिजरी की शुरुआत इस साल 7 या 8 जुलाई से होगी। यदि 6 जुलाई को चांद दिखा तो महीने के पहली तारीख 6 जुलाई को होगी, वरना 8 जुलाई को होगी। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार एक महीना 29 यां 30 का होता है। यह चांद 29 का दिखा तो मोहर्रम की 10 वीं तारीख तारीख यौम – ए-आशूरा 16 जुलाई होगा, नहीं तो 17 जुलाई को मनाया जाएगा।
हर साल मोहर्रम 10 दिनों का इमाम हुसैन की याद में मनाते हैं। वहीं दूसरी ओर बीकानेर शहर में मोहर्रम बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर के विभिन्न मुस्लिम मोहल्लों में ताजिए बनाए जाने लगे हैं। वैसे तो सभी मुस्लिम मोहल्लों में बेहद आकर्षक ताजि़ए बनाए जाते हैं लेकिन, मौहल्ला चुनघरान , मौहल्ला उस्तान के मोहल्ले के ताजिये अपने आप में खास खूबसूरती लिए होते है। चुनघरान व उस्ता समाज के बिरादरी के लोगों के द्वारा अपनी पूरी कला को मोहर्रम मौक़े पर हजऱत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को समर्पित कर देते है। उस्तों का ताजिय़ा देखने लोग यहां आते हैं। उस्ता कला से बना ताजिय़ा हजऱत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के रोज़े की साक्षात् प्रतिकृति नजऱ आती है। सोने का घोल बनाकर उकेरी गई मुसव्विरी इसे अनूठा रूप प्रदान करती है। वहीं मौहल्ला चौपदारान के मोहर्रम को बनाने का कार्य अभी प्रगति पर चल रहा है। शाकिर हुसैन चौपदार ने बताया कि मौहल्ले के कार्यकर्ताओ जिनमें अली, हारून, इकबाल,अमीन एवं पप्पू के द्वारा बनाने में बराबर सहयोग किया जा रहा है।