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बीकानेर,केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को एक और केन्द्रीय संस्थान की बड़ी सौगात मिलने जा रही है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय रोड सेफ्टी सेल की ओर के से बीकानेर में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आइडीटीआर) खोला जाएगा। राज्य सरकार ने इंस्टीट्यूट के लिए भूमि आरक्षित कर डीपीआर केन्द्र सरकार को भेज रखी है। इसके लिए गजनेर के पास आरक्षित की गई 20 •बीघा भूमि पर भवन निर्माण, हॉस्टल और प्रशासनिक भवन बनेगा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। बड़े ट्रक और ट्रेलर के चालकों को प्रशिक्षित करने वाला यह देश का सबसे बड़ा इंस्टीट्यूट होगा।

यहां बनेगा इंस्टीट्यूट

इंस्टीट्यूट के लिए बीकानेर तहसील के ग्राम नालबड़ी में 20 बीघा भूमि (5 हेक्टेयर भूमि प्रादेशिक परिवहन विभाग को सरकार ने आवंटित की है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस भूमि पर इंस्टीट्यूट भवन, हॉस्टल और ड्राइविंग ट्रैक निर्माण के लिए परिवहन विभाग ने डीपीआर तैयार कर भेजी है।

एक लाख से ज्यादा को प्रशिक्षण

इंस्टीट्यूट में 75 सीट आवासीय प्रशिक्षण की होगी। परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए प्रोजेक्ट में बताया गया कि बीकानेर में प्रति वर्ष हल्के व भारी श्रेणी के नए और नवीनीकृत लाइसेंस की संख्या । लाख 7 हजार 500 हैं। इनमें विभिन्न प्रशिक्षण कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों से संस्थान के संचालन के व्यय के चार लाख रुपए सालाना प्राप्त होंगे।

सरकारी भर्ती में काम आएगा सर्टिफिकेट

केन्द्र सरकार की ओर से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, वाहन चालकों को प्रशिक्षण देने, वाहनों में आ रहे तकनीकी बदलावों के अनुरूप चालकों को रिफ्रेशर कोर्स कराने उद्देश्य से इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहे है।

इसमें वाहन चलाने के साथ उसकी मरम्मत का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे चालक को मिला सर्टिफिकेट सरकारी नौकरी व निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए मान्य होगा।

पीपीपी मोड से सालाना खर्च

केन्द्र सरकार की ओर से इंस्टीट्यूट के भवन व ट्रेक आदि के लिए व 18 करोड़ 50 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके बाद सालाना प्रशिक्षणार्थियों व प्रबंधन आदि पर 20 लाख रुपए ख जिसके वहन के लिए पीपीपी मोड पर भारी वाहन निर्माता कम्पनी अशोक लिलेण्ड ने प्रस्ताव दिया है। हालांकि प्रशिक्षणार्थियों से प्राप्त शुल्क व परिवहन विभाग के ड्राइविंग टेस्ट से सालाना करीब चार लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।

इंस्टीट्यूट में यह मिलेगा प्रशिक्षण

भारी वाहनों के चालकों को प्रशिक्षण

निशक्तजनों के वाहन संचालन के लिए प्रशिक्षण।

हल्के मोटर वाहन चालकों को प्रशिक्षण

भारी वाहनों के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आने वाले चालकों को रिफ्रेशर कोर्स

कार,बस और ट्रक आदि वाहनों की मरम्मत करने का प्रशिक्षण और स्किल डवलपमेंट

प्रशिक्षार्थियों में स्किल डवलमेंट और रोजगार सृजन

जल्द ही मिलेगी स्वीकृति

केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि बीकानेर में इंस्टीट्यूट फोर ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च के लिए राज्य सरकार से डीपीआर मिल चुकी है। प्रोजेक्ट की तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की मदद ले रहे है।” बीकानेर जिले में बड़ी संख्या में ट्रक चालक है, उन्हें फायदा होगा। साथ ही रोजगार सृजन के साथ देश में इतने बड़े स्तर का यह पहला बड़ा ड्राइविंग प्रशिक्षण का इंस्टीट्यूट होगा। केन्द्र सरकार से शीघ्र ही अंतिम स्वीकृति जारी होगी।

केन्द्र सरकार के पास प्रस्ताव लम्बित

जिला परिवहन अधिकारी जुगल किशोर माथुर ने बताया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर भेजा हुआ है। अभी केन्द्र सरकार से अंतिम अनुमति मिलनी शेष है। प्रोजेक्ट की डीपीआर आदि तैयार करने का कार्य हो चुका है।

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