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बीकानेर,नयाशहर थाने से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मामला करीब डेढ़ साल से न्याय के लिए भटक रहे बीकानेर निवासी प्रेमनाथ से जुड़ा है। प्रेमनाथ ने नयाशहर में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया था। मगर उसके केस में यह कहकर एफ आर लगाई जा रही है कि यह मामला सिविल नेचर का है। जबकि स्पष्ट तौर पर घटित अपराध की जांच पुलिस के अधिकार क्षेत्र में है।

यह है पूरा मामला: बीकानेर मूल के प्रेम नाथ छत्तीसगढ़ में अर्थवर्क के कार्य की ठेकेदारी करते हैं। उनके जीएसटी, इनकम टैक्स व अकाउंट से जुड़े कार्य बीकानेर निवासी हिमांशु मिश्रा व उसके पिता ओमप्रकाश करते थे। प्रेमनाथ के अनुसार उन्हें आरोपियों पर भरोसा था। आरोपी जीएसटी व इनकम टैक्स भरवाने के लिए प्रेमनाथ से पैसे मांगते। यह पैसे हिमांशु के अकाउंट में डालने का कहते। प्रेम नाथ का कहना है कि उन्होंने अलग अलग टुकड़ों में एक करोड़ सोलह लाख रूपए हिमांशु को उसके अकाउंट में दिए। धोखाधड़ी का मामला तब उजागर हुआ जब विभाग से डिमांड नोटिस आया। प्रेम नाथ ने विभाग में संपर्क किया। आरोपियों द्वारा दी गई रसीदें दिखाई तो पता चला कि रसीदें भी फर्जी है। इस पर उन्होंने आरोपियों से तकाजा किया मगर बात नहीं बनी।

प्रेम नाथ ने नयाशहर थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। मगर पुलिस द्वारा बार बार इस मामले कौन सिविल नेचर का मानते हुए एफ आर लगाई जा रही है। जबकि स्पष्ट तौर पर धोखाधड़ी की बताते हैं। प्रेम नाथ का कहना है कि आरोपियों ने षड्यंत्र पूर्वक टैक्स के पैसे अपने अकाउंट में मंगवाकर खुर्द बुर्द कर लिए। इतना ही नहीं जालसाजी कर टैक्स जमा कराए बिना ही फर्जी रसीदें परिवादी को दे दी।

प्रेमनाथ अब इधर उधर चक्कर काट रहे हैं। रकम बड़ी है, इसलिए परेशानी भी बहुत बड़ी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि मामले की जांच सीआई गोविंद सिंह चारण ने की थी।

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