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बीकानेर,जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा व साध्वीश्री विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी आदि ठाणा नाल गांव में मुनि सुव्रत स्वामी के प्राचीन मंदिर में आयोजित चार दिवसीय प्रतिष्ठा महा महोत्सव में सोमवार को स्नात्र पूजा, प्रतिष्ठा विधान, शांति स्नात्र वूजा भक्ति गीतों के साथ हुआ।
श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल श्रीसंघ खरतरगच्छ ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा ने बताया कि प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत मंगलवार को सुबह सवा छह बजे द्वारोउद्घाटन, सुबह पौने नौ बजे सतर भेदी पूजा के बाद चार दिवसीय प्रतिष्ठा महा महोत्सव संपन्न होगा। पूजा व अभिषेक में सुश्रावक पुरखचंद, धनराज, दीपचंद डागा, वीरमती देवी पत्नी स्वर्गीय भंवर लाल डागा परिवार के सदस्यों, मुख्य लाभार्थी अभय-साधना डागा, आदित्य व युवराज डागा परिवार के साथ पवन पारख, मनोज सेठिया व उद्योगपति गणेश बोथरा, रतन लाल नाहटा सहित अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने भागीदारी निभाई।
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी व बीकानेर की साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी का शॉल ओढ़ाकर डागा परिवार ने अभिनंदन किया। डागा परिवार की ओर से मंदिर का निर्माण करने वाले अहमदाबाद के वास्तुशास्त्री पुरोहित कमलेश भाई सोमपुरा, धोलपुर के चलवा रमाकांत का तथा लाभार्थी डागा परिवार का गणेश बोथरा परिवार व उनके रिश्तेदारों की ओर से अभिनंदन किया गया।
जैनधर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनि सुव्रत स्वामी के साथ दो तीर्थंकरों की प्राचीन प्रतिमाओं को मूल गर्भगृह में तथा दादा गुरुदेव जिनदत्त सूरि व देवचन्द्रजी महाराज और मंदिर के बाहर परिक्रमा में तीन दर्शनीय प्रतिमाओं, तोरण की स्थापना की गई। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के साथ विधिकारक मनोज कुमार बाबूमल हरण व उनकी टीम ने भक्ति गीत व मंत्रोच्चारण किया। भक्ति गीतों की प्रस्तुतियों के समय श्रावक-श्राविकाओं ने नाचते हुए परमात्मा के मंगल भावना के साथ अक्षत वर्षा की तथा मुनि सुव्रत स्वामी, दादा गुरुदेव के जयकारे लगाए।

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