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बीकानेर,ज्यपुर,प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश की उत्पादन इकाइयों के पास अब केवल तीन दिन के कोयले का स्टॉक ही बचा है। जल्द ही इस संकट को हल नहीं किया जाता तो प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है।ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बुधवार को बताया कि राजस्थान सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी कोयला नहीं मिल रहा है। वहीं, जो कोयला केन्द्र की तरफ से आवंटित किया जा रहा है उसकी क्वालिटी भी घटिया है। इससे इकाइयों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

किसानों को सिंचाई के लिए बिजली देने के लिए शहरों में कटौती की जा रही है। यदि संकट गहराता है तो इस कटौती को और बढ़ाया जाएगा। कोयला कम मिलने के कारण उत्पादन की कमी से बिजली की मांग और उपलब्धता में अंतर बढ़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में भी शाम 6 से 10 तक कटौती की जा सकती है। पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए कृषि के लिए लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है। प्रदेश में औसत बिजली का उत्पादन 12,847 मेगावाट है, जबकि डिमांड 17,757 मेगावाट की हो रही है। ऐसे में सीधे तौर पर 4,910 मेगावाट की कमी है।
हर जगह से बिजली खरीदी

भाटी ने बताया कि प्रदेश में बिजली संकट टालने के लिए पूर्व में जितने भी एग्रीमेंट किए गए उनसे बिजली खरीदी जा रही है। ओपन एक्सचेंज से हाईएस्ट रेट पर जाकर बिजली खरीद रहे हैं, लेकि पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल रही। जितने थर्मल प्लांट्स है, उनसे अधिकतम बिजली उत्पादन कर रहे हैं। जितना कोयला मिल रहा है उससे उत्पादन कर रहे हैं। सोलर, विंड आदि से बिजली ले रहे हैं। भाटी ने बताया कि निजी उत्पादकों से भी बिजली का उत्पादन बढ़ाने को कहा गया है। सरकार उनकी बिजली खरीदने को तैयार है।

छत्तीसगढ़: खनन की समस्या

मंत्री ने बताया की स्थानीय आंदोलन के चलते छत्तीसगढ़ में राजस्थान की कोल मांइस में पर्याप्त खनन नहीं कर पा रहे।एक खान को शुरू तक नहीं कर पाए।कें द्र सरकार द्वारा महानदी कोल माइंस से कोयला उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन दरूी अधिक होने के कारण कोयला लाने में लागत भी बढ़ रही है। केन्द्र के नई नियमों के कारण कोयला खरीद में परेशानी आ रही है। के न्द्र ने एक ही जगह से कोयला खरीदने के लिए निर्देशित किया है।पड़ोसी राज्यों से ले रहे उधार

मंत्री ने बताया कि बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के लिए बाहर से खरीद को भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बिजली की डिमांड पिछले दो वर्षों में 20 से 25 फीसदी बढ़ी है।पड़ोसी राज्यों से भी बिजली उधार ले रहे हैं।

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