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बीकानेर/साझी विरासत के तत्वावधान में बीकानेर निवासी, कोलकाता एवं नागपुर प्रवासी राजस्थानी भाषा के प्रबल समर्थक गोपाल दास डागा एवं कांतिलाल सिंघी का ब्रह्म बगीचा में अभिनंदन किया गया।
साझी विरासत के तत्वावधान में एडवोकेट हीरालाल हर्ष के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी-राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्म बगीचा प्रन्यास के व्यवस्थापक बृजगोपाल जोशी ने ब्रह्म बगीचा के इतिहास एवं विकास से सम्बंधित विस्तार से जानकारी देते हुए स्वागत उद्बोधन दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेन्द्र जोशी ने कहा कि आने वाला समय राजस्थान का है, जोशी ने प्रवासी उद्योगपतियों से आवाह्न किया कि वह बीकानेर में अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए नए उद्योग स्थापित करावें, उन्होंने कहा कि अपनी माटी से जुड़कर एवं जन्मभूमि के प्रति ऋण उतारने का उचित समय है। जोशी ने कहा कि यहां सौर्य ऊर्जा एवं मिनरल्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है । जोशी ने कहा की डागा एवं सिंघी परिवार का सामाजिक सरोकार के कार्यों में सदैव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, इसलिए इनके सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने गोपाल दास डागा एवं कांतिलाल सिंघी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बीकानेर के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में प्रवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हर्ष ने कहा की प्रवासी उद्योगपतियों की नई पीढ़ी को अपनी माटी की ओर आकर्षित करना सबसे बड़ी चुनौती है।
अपने सम्मान के प्रतिउत्तर में गोपाल दास डागा एवं कांतिलाल सिंघी ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके परिवार की प्रारंभ से ही पर्यावरण एवं आध्यात्मिक कार्यों में रुचि रही है। उनके परिवार द्वारा योगदान के संस्मरण सुनाये ।
कार्यक्रम में अन्तरराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच अनिल जोशी एवं मुरली मनोहर पुरोहित ने भी विचार रखें।

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