बीकानेर। जिले में कोरोना फिर से फन उठा रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना को रोकने वाले जिम्मेदार ही लापरवाही बरत कर कोरोना को निमंत्रण दे रहे हैं। बमुश्किल कोरोना से जंग जीती है। यह छोटी-छोटी लापरवाही के कारण बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
हाल ही में दो दिन पहले मुरलीधर व्यास कॉलोनी से दो व्यक्तियों में कोरोना वायरस पाया गया है। इनकी रिश्तेदार महिला चिकित्सक शहर की एक डिस्पेंसरी में कार्यरत है, जिनकी फिलहाल चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी लगी हुई रही है। यह महिला चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव आए रिश्तेदारों से संपर्क में आई थी। इसके बावजूद वह शिविरों में ड्यूटी दे रही है। गुरुवार को महिला चिकित्सक को कोरोना लक्षण जैसे खांसी-जुकाम व बुखार हुआ तो उन्होंने आरटीपीआर जांच के लिए सैम्पल दिया है।
हरकत में आया विभाग
स्वास्थ्य विभाग को गुरुवार को जानकारी में आया कि महिला चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आई हुई है और उन्हें सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण है। इस पर विभाग के अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से महिला चिकित्सक को चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविरों से ड्यूटी हटाई तथा उन्हें होम क्वारेंटीन कर दिया गया।
सूचना ही नहीं दी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी चाहर ने बताया कि महिला चिकित्सक ने पॉजिटिव व्यक्तियों के संपर्क में आने की सूचना नहीं दी। गुरुवार को अपने रिश्तेदार को चेकअप कराने हृदय हॉस्पिटल पहुंची तब उनके रिश्तेदार व उनकी जांच कराई गई। रेपिड टेस्ट में कोरोना आ रहा है, इसलिए अब कंफर्म करने के लिए महिला चिकित्सक का सैम्पल आरटीपीआर जांच के लिए भिजवाया गया है। महिला चिकित्सक को एहतिहात के तौर पर शिविर में ड्यूटी से रिलीव कर होम क्वारेंटीन किया गया है।
दोनों डोज लगी है, चिंता की बात नहीं
डॉ. चाहर ने बताया कि महिला के रिश्तेदारों को कोरोना वैक्सीन की एक-एक डोज लगी हुई है जबकि महिला चिकित्सक को दो डोज लगी है। सदी-जुकाम के लक्षण आ रहे हैं जो कोरोना के है। ऐसे में होम क्वारेंटीन रहकर ही उपचार लिया जा सकेगा।