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बीकानेर राज्य विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में संभवत: करवाए जाएंगे और यही कारण है कि बीकानेर जिले की सातों विधानसभा सीटों के लिये प्रत्याशियों के चयन को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा अंदरखाने खूब मशक्कत कर रही है। दोनों पार्टियों के लिए सूबे की सत्ता की चाबी हासिल करने के लिहाज से एक-एक विधानसभा क्षेत्र का महत्व है और यही वजह है कि उन्हें क्षेत्र में जिताऊ चेहरों की तलाश है। इस तलाश के चलते ही जहां कांग्रेस एकाधिक बार अपने मौजूदा मंत्री विधायकों को जयपुर बुला कर उनसे सवाल-जवाब कर चुकी है और उन्हें पार्टी के किए गए सर्वे के आधार पर आईना भी दिखा चुकी है, वहीं भाजपा के केंद्रीय स्तर के नेता एकदम से क्षेत्र में सक्रिय हो चुके हैं। प्रत्याशियों के चयन से पहले इन पार्टियों के साथ कई एजेंसियां सर्वे में जुट गई हैं। जानकारी के अनुसार आधा दर्जन से ज्यादा पार्टी प्रतिनिधि व एजेंसियों के लोग सर्वे के लिए संपर्क करने में जुटे हैं। जमीनी स्तर पर जनता की नब्ज टटोलकर भी सर्वे किया जा रहा है। क्षेत्र में राजनीतिक पार्टियों से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से सर्वे करने वाले व्यक्ति राय जान रहे हैं तो आमजन से भी रूबरू हो रहे हैं। पिछले करीब एक महिने से जिले में विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं एवं अलग-अलग समाजों के लोगों से मुलाकात की जा रही है। वहीं भाजपा व कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी की ओर से भी सर्वे करवाया जा रहा है। उनके कार्यकर्ता भी अलग-अलग लोगों से मिलकर फीडबैक ले रहे हैं। वैसे सरकारी खुफिया एजेंसी के राडार पर भी इन दिनों राजनीतिक गतिविधियां व आगामी चुनावों में प्रत्याशियों को लेकर बैठने वाले ऊंट की करवटों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। इस मामले में दोनों प्रमुख पार्टियों के मुख्य चेहरों के बारे में मालूमात हासिल की जा रही है। सभी दावेदारों की ताकत व कमजोरियों का पता लगाया जा रहा है।

मोबाइल पर भी चल रहे सर्वे
देश में सोशल मीडिया के युग में कई ऐसी कंपनियां हैै, जो बड़ी पार्टियों के प्रचार-प्रसार के साथ उनके लिए सर्वे करने का कार्य करती है। इसी के अंतर्गत कुछ कंपनियों के कार्यकर्ता मोबाइल के माध्यम से भी फोन कर जानकारियां ले रहे हैं। उनकी ओर से भी विधानसभा क्षेत्र के हालातों, संभावित उम्मीदवारों, उनकी लोकप्रियता, जीत के आधार के साथ प्रदेश की कांग्रेस सरकार की योजनाओं, भाजपा की ओर से किए गए आंदोलनों आदि को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं।

सर्वे में पूछे जा रहे प्रश्न
सर्वे करने वाले कार्यकर्ता लोगों से गत 5 सालों में प्रदेश व क्षेत्र में हुए कार्यों को लेकर सवाल कर रहे हैं। साथ ही मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक एवं अन्य नेताओं की सक्रियता को लेकर जानकारी ली जा रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार व विपक्ष की भाजपा सरकार की सक्रियता, जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार प्रयास कर रही है या विपक्ष के लोग आंदोलन में तेज है। साथ ही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा व आप के संभावित दावेदारों, उनकी लोकप्रियता के कारणों, जीत के आधार आदि प्रश्न पूछे जा रहे हैं।

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