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बीकानेर,अपराध के दल-दल में फंसे साटिया समाज के लोगों और उनसे बाहर निकलने की सोच रखने वालों के लिए बीकानेर पुलिस बड़ा काम करने जा रही है। बीकानेर पुलिस साटिया समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर (सीपीओ) बनाएगी। इसके लिए बकायदा उन्हें पुलिस लाइन में ट्रेनिंग दी जाएगी। इन सीपीओ के परिवार की महिलाओं को भी हर जिले की पुलिस लाइन व नजदीकी थाने में सिलाई-कढ़ाई, बुनाई का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट को नई राह नाम दिया गया है।

इसलिए पड़ रही जरूरत

साटिया समाज में शिक्षा स्तर शुन्य हैं। यह समाज की मुख्य धारा से कटे हुए हैं। यह लोग छोटे-मोटे अपराध जैसे चोरी-छीझा-झपटी, अवैध शराब बिक्री में संलिप्त रहते हैं। पुलिस व समाज के अन्य वर्गों का भी साटिया समाज के प्रति सोच अच्छी नहीं होती है। इनका न कोई वोट बैंक होता और ना ही कोई जनप्रतिनिधि। इनके पास किसी भी विशेष काम की योग्यता नहीं होती हैं। दुख की बात तो यह है कि इन्हें कोई काम तक नहीं देता है। इसलिए यह अपराध का रास्ता चुनते हैं।

15 दिन से चारों जिलों में हो रहा सर्वे

बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ने चारों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को साटिया समाज के लोगों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे में उनके परिवार में कितने सदस्य, कितने पढ़े-लिखे हैं, कौन-क्या काम करता हैं। इसके लिए हर जिले में थानावार काम हो रहा हैं।

यह देंगे प्रशिक्षण
नई राह के तहत साटिया समाज के युवाओं को कम्यूनिटी पुलिस ऑफिसर लगाया जाएगा। इसके लिए इन्हें हरेक जिले की पुलिस लाइन में सात दिवसीय कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर का कोर्स कराया जाएगा। इसके बाद उन्हें ग्राम पंचायत व व्यापार मंडल के माध्यम से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाई जाएगी। बच्चों को नजदीकी स्कूलों में पढ़ाने की व्यवस्था करेंगे। महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई व बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान खाने-पीने व रहने एवं प्रशिक्षण सामग्री की व्यवस्था जनसहयोग से की जाएगी।

यहां-यहां है साटियां जाति के लोग

नोखा, बादूनं, नापासर, लूणकरनसर के गारबदेसर, श्रीडूंगरगढ़, रतनगढ़ के बीनासर, सरदारशहर, तारानगर, श्रीगंगानगर के साधुवाली, हनुमानगढ़ टाउन।
बूंदी में कंजर जाति को लाए थे मुख्यधारा में
आईपीएस ओमप्रकाश इससे पहले बूंदी जिले के रामपुर गांव में सामाजिक सरोकार के तहत कंजर समाज में अनैतिक कार्य करने वाली युवतियों को समाज की मुख्यधारा लाने का काम कर चुके हैं। कंजर जाति की बेटियां जो अनैतिक कार्य करती थी उन्होंने उनकी शादी करवाई और उनके पति को वेल्डर, पेंटर, मैकेनिक का प्रशिक्षण दिलाकर काम दिलाया। आज बूंदी के में कई जगह पर कंजर जाति के युवक कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर बन कर बेहतर काम कर रहे हैं।

इन जिलों में इतने साटिया परिवार

– बीकानेर – 270

– श्रीगंगानगर -115
– हनुमानगढ़ – 90

– चूरू – 222
भटकों को राह दिखाएंगे

साटिया समाज के जो लोग मुख्यधारा से भटक गए हैं, उन्हें राह दिखाने के लिए पुलिस नई राह नाम से नवाचार कर रही है। इसमें साटिया समाज के लोगों का सर्वे कर उन्हें विभिन्न तरह के कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिसंबर माह में साटिया समाज के साथ एक महापंचायत की जाएगी। इसके बाद समाज के चयनित लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। समाज की समस्याओं और कार्यों की रुचि के बारे में पता करेंगे। उनकी रुचि के अनुरूप कार्यों का प्रशिक्षण देंगे।
ओमप्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज

पुलिस की सराहनीय पहल

31 अगस्त, 1952 तक साटिया, सांसी, कंजर, नट, बावरी सहित ऐसी अन्य जातियों के लोगों पर अंग्रेजों की ओर से बनाए गए कानून लागू थे। ऐसे में इन जातियों के लोगों को हर दिन पुलिस थानों में हाजिरी देनी होती थी। देश आजाद होने के पांच साल 16 दिन बाद वो कानून वापस लिया गया था। आजादी के बाद पांच साल तक गुलामी सहन की। अब आम लोगों की साटिया समाज के प्रति सोच ही ऐसी ही बन गई है। इन जातियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ना जरूरी है। साटिया समाज के उत्थान के लिए पुलिस जो पहल कर रही है वह सराहनीय है।
धर्मपाल कटारिया, अध्यक्ष बाबा रामदेव जी महाराज रुचिणा सेवा संस्थान रामदेवरा

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