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बीकानेर, बीकानेर रेंज में करीब छह हजार से अधिक बदमाशों की पुलिस को तलाश है जो किसी न किसी वारदात को अंजाम देकर फरार है। यह फरार बदमाश पुलिस की वांछित अपराधियों की सूची में शामिल हैं। पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद यह पुलिस के अब तक हाथ नहीं लग रहे हैं। गत वर्ष तक बीकानेर रेंज में आठ हजार १23 वांछित अपराधियों की पुलिस को तलाश थी, जिसमें से महज १६३६ को ही पकड़ा जा चुका है। पूरी रेंज में 21० वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित किया हुआ हैं।

पहले पर श्रीगंगानगर व दूसरे पर बीकानेर
बीकानेर रेंज में ८ हजार 123 वांछित अपराधी हैं, जिसमें सर्वाधिक श्रीगंगानगर में 3265 वांछित अपराधी हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर बीकानेर हैं, जिसमें 2794 हैं। हनुमानगढ़ में ११३४ एवं चूरू में ९३० वांछित अपराधी हैं। वहीं हर जिले में कुछेक वांछित अपराधियों को पकडऩे के लिए इनाम घोषित कर रखा हैं। इन बदमाशों पर दो से दस हजार तक का इनाम घोषित हैं। बीकानेर में १६७, श्रीगंगानगर में १2, हनुमानगढ़ में १६ एवं चूरू में १५ वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित कर रखा है। रेंज में सबसे अधिक बीकानेर जिले में वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित हैं।

पिछले साल १६३६ को पकड़ा
बीकानेर रेंज में पिछले साल ८ हजार १23 वांछित अपराधियों में से महज १६३६ को ही गिरफ्तार किया जा सका। सबसे ज्यादा बीकानेर पुलिस ने पकड़े। बीकानेर पुलिस ने ७६१, श्रीगंगानगर ने 272, हनुमानगढ़ पुलिस ने 280 एवं चूरू पुलिस ने 2९३ वांछित अपराधियों को पकड़ा। इन पकड़े गए बदमाशों में लूट, हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण सहित अन्य संगीन मामलों के अपराधाी शामिल हैं।

इतने और ऐसे अपराधियों को पुलिस की तलाश
– उद्घोषित अपराधी :- बीकानेर रेंज में उद्घोषित अपराधी १७१ हैं, जिसमें से सर्वाधिक ११2 श्रीगंगानगर जिले में हैं। हनुमानगढ़ में 28, बीकानेर में 18 और चूरू में १३ उद्घोषित अपराधी हैं।

धारा 2९९ सीआरपीसी चालानशुदा अपराधी :- रेंज में धारा 2९९ सीआरपीसी चालानशुदा अपराधी ६९९ हैं, जिसमें से सर्वाधिक 240 बीकानेर में हैं। श्रीगंगानगर में १३४, हनुमानगढ़ में ११७ एवं चूरू में 205 हैं।
– स्थायी वारंटी :- बीकानेर रेंज में ७2५६ स्थायी वारंटी हैं, जिसमें सर्वाधिक श्रीगंगानगर में ३०१९ हैं। बीकानेर जिले में 25३६, हनुमानगढ़ में ९८९ एवं चूरू में ७१2 स्थायी वारंटी हैं।

केस एक :- महिला थाने में सुमन (बदला हुआ नाम) ने दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज करा रखा है। पिछले आठ महीने से उसके पति को गिरफ्तार करने के लिए स्थायी वारंट जारी हो रखा है। पीडि़ता को आरोपी हर दूसरे दिन मिलता है लेकिन पुलिस को आरोपी हाथ नहीं लग रहा है।

पुलिस की अनदेखी
पुलिस कागजी कार्रवाई न कर वास्तविकता में काम करें। भगौड़ों को पकडऩे के लिए बीट कांस्टेबल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उसे प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उच्चाधिकारी उसकी मॉनिटरिंग भी करें। बदमाश पुलिस से बच नहीं सकते। पुलिस की शह और अनदेखी से ही अपराधी बचे रहते हैं। पुलिस टारगेट कर ले तो अपराधियों का बचना मुश्किल होता है। अपराधी सलाखों के पीछे होंग तभी शहर में शांति का माहौल बना रहेगा।
हरिराम गहलोत, सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

बनाएंगे विशेष योजना
बीकानेर रेंज में हजारों वांछित अपराधी है, जिनकी पुलिस को तलाश है। सैकड़ों पर इनाम घोषित है। हर साल पुलिस वांछित अपराधियों को पकड़ती है लेकिन कई वांछित अपराधी हाथ में नहीं आ रहे हैं। वांछित अपराधियों को पकडऩे के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। अब बीकानेर रेंज में वांछित अपराधियों को पकडऩे के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। चारों जिलों में थानास्तर पर टीम के साथ-साथ डीएसटी को वांछित अपराधियों को पकडऩे के लिए लगाया जाएगा।
ओमप्रकाश, बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक

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