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बीकानेर,पिछले महिने शहर के सदर थाना इलाके में यौनाचार और ब्लैकमेलिंग से आहत एक युवति ने खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से पहले युवति ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसमें उसने अपनी मौत के जिम्मेदारों की करतूत उजागर करने के साथ उनके नाम भी लिखे थे। मृतका के पिता ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज करवा दिया। मगर हैरानी की बात तो यह है संगीन मामला होने के बाद बावजूद पुलिस इस मामले की जांच को ठंडे बस्ते में डाले बैठी है। दरअसल,यह घटना 30 अक्टूबर ही है,जब सदर थाना इलाके में को युवती ने अपने घर में खुदकुशी कर ली थी। उसके पिता ने करण जाम्भ, मोहित अरोड़ा समेत एक युवति के खिलाफ अपनी बेटी के यौनाचार और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। बताया जाता है कि मृतक युवति करण जाम्भ के ऑफिस में काम करती थी,ऑफिस में मोहित अरोड़ा भी आना जाना था । करण जाम्भ की बहन भी उनके साथ काम करती थी। इस दौरान करण और मोहित ने अपने साथ काम करने वाली युवति का अश£ील वीडियो क्लिप बना लिया और वायरल करने की धमकी देकर उसका यौनाचार करने लगे। इस मामले में करण जाम्भ की बहन ने भी सहयोग किया। खुदकुशी से पहले पीडि़ता ने अपनी आपबीती छोटी बहन को भी बताई और कहा करण जाम्भ और मोहित अरोड़ा ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी है। बताया जाता है कि काफी समय तक ब्लैकमेलिंग और यौनाचार का शिकार होती रही पीडि़ता ने तीस अक्टूबर को खुदकुशी कर ली और सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें आरोपियों के नाम लिखे हैं । सदर थाना पुलिस ने मृतका के पिता की रिपोर्ट पर यह मामला दर्ज कर लिया। मामला संगीन श्रेणी का होने के कारण जांच डिप्टी एसपी विक्की नागपाल को सौंप दी। जो पहले तो चुनावी ड्य्टी के बहाने जांच को दबाए बैठे रहे । इधर मामले के नामजद आरोपी हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत कराने के प्रयास में जुटे है। संगीन अपराधिक मामले की जांच में पुलिस ढि़लाई को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे है।

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