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बीकानेर,2022 में कोर्ट ने बिछीवाड़ा थाना पुलिस को तस्करी की शराब को नष्ट करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने इस शराब को नष्ट करने के बचाय तस्करों को ही बेच दिया.राजस्थान की डूंगरपुर जिले की पुलिस पर तस्करी की शराब को बेच खाने के गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल बिछीवाड़ा थाना पुलिस  पर आरोप है कि उसने जब्त लाखों की तस्करी की शराब को बेच दिया और उसे तस्करों के हवालों से गुजरात भेज दिया. जब इस मामले की जानकारी एसपी तक पहुंची तो एसपी ने एएसपी, थानाधिकारी सहित कान्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया.

पुलिस ने ऐसे रचा खेल
दरअसल बिछीवाड़ा पुलिस को साल 2012 से 2020 तक के अवैध शराब के 26 मामलों में 24 अगस्त 2022 को कोर्ट ने अवैध शराब को नष्ट करने के आदेश दिए थे. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने 26 अगस्त को शराब को नष्ट कर दिया, लेकिन हकीकत यह थी कि पुलिस ने शराब के कुछ कार्टून ही नष्ट किये थे. यह मामला तब सामने आया जब ठीक सात दिन बाद गुजरात पुलिस की स्टेट मॉनिटरिंग सेल ने महिसागर जिले के कोटंबा थाना क्षेत्र में एक कार से 2.20 लाख रुपए की अवैध अंग्रेजी शराब पकड़ी.

एएसपी सहित तीन पर गिरी गाज
यह शराब साल 2015-16 में हरियाणा में बनी हुई थी. गुजरात पुलिस ने इस मामले में डूंगरपुर के कुछ शराब के ठेकेदारों जांच की जद में लिया. जब ठेकेदारों ने डूंगरपुर एसपी को शिकायत दी तो डूंगरपुर एसपी ने मामले की जांच शुरू की, इसके बाद पुलिस के शराब तस्करों से गठजोड़ का खुलासा हुआ. मामले पर कार्रवाई करते हुए गृह विभाग ग्रुप वन के सयुंक्त शासन सचिव जगवीर सिंह ने आदेश जारी कर डूंगरपुर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार मीणा को और आईजी प्रफूल कुमार ने थानाधिकारी रणजीत सिंह को और एसपी ने मालखाना इंचार्ज रतनाराम को निलंबित कर दिया है. मामले में कुछ अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं जिनपर आगे कार्रवाई की जाएगी

मामले को लेकर क्या बोले एसपी
एसपी राशि डोगरा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर जांच शुरू करवाई थी. इसमें सामने आया कि जिस शराब को नष्ट करना होता है, उसका सैंपल पुलिस को सुरक्षित रखना होता है, लेकिन बिछीवाड़ा पुलिस के पास इसका सैंपल ही नहीं मिला. दूसरा यह कि बिछीवाड़ा पुलिस की शराब नष्टी की कार्रवाई के सात दिन बाद ही गुजरात पुलिस द्वारा उसी साल की शराब पकड़े जाना कई सवाल खड़े करता है. शराब के बेच नंबर नहीं लिखने की परिपाटी गलत है. सभी को निर्देशित कर दिया है कि अब जो भी शराब पकड़ी जाएगी, उसमें बैच नंबर लिखना आवश्यक होगा. पूरे मामले की जांच एएसपी सुरेश सांवरिया को दी गई है.

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