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बीकानेर, क्राइम मीटिंग में पुलिस अधीक्षक ने कहा था कि अपराधियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उनकी जमानत आईओ खुद कोर्ट में पेश होकर खारिज कराए। ताकि गंभीर प्रकृति के अपराधों पर अंकुश लग सके। लेकिन एसपी के आदेश को ही कोटगेट पुलिस ने नहीं माना और केस डायरी में झूठ परोस डाला।

कोटगेट थाने में दर्ज मामला एक जानलेवा हमले से जुड़ा हुआ है। अपने वकील के मार्फत जमानत के लिए आरोपी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था। पुलिस ने सुनवाई के दौरान केस डायरी पेश की। उसमें लिखा था कि कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभियुक्त का पूर्व में नहीं है। जबकि 2018 में उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। पुरानी एफआईआर परिवादी ने पेश कर दी। जिससे केस डायरी की पोल खुल गई।

अपराधों को ग्राफ जिले में बढ़ रहा है। चोरी, लूट, डकैती, हत्या, जानलेवा हमले और फायरिंग की घटनाएं आम हो गई हैं। एक तरफ पुलिस हिस्ट्रीशीटरों के घरों तक पहुंच कर पूछताछ कानून व्यवस्था को बनाए रखने और आपराधिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए कर रही है। वहीं दूसरी तरफ केस डायरी में झूठे तथ्य कोर्ट में पेश करके उन्हें बचाने में सहयोग किया जा रहा है।

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