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बीकानेर.राजस्व एवं अधिशाषी अधिकारी परीक्षा नकल प्रकरण के सरगना तुलसाराम से पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। तुलसाराम ने नकल के लिए दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों से संपर्क किया था, लेकिन वे सहमत नहीं हुए। इसी दौरान पांच अभ्यर्थियों ने स्वयं तुलसाराम से संपर्क किया। तुलसाराम ने उनसे नकल कराने के लिए लाखों रुपए की डील की थी। यह खुलासा तुलसाराम ने पुलिस रिमांड के दौरान किया है। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम के मुताबिक, आरोपी तुलसाराम ने बताया कि उसका सहयोगी अनिल है, जिसने नकल उपकरण बनवाने में उसकी मदद की। पुलिस अब अनिल की तलाश कर रही है। आरोपी तुलसाराम को रिमांड खत्म होने पर फिर से न्यायालय में पेश कर दो दिन और रिमांड पर लिया गया है। अब आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

अनिल ने बनवाई थी सिम व ब्लूटुथ

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तुलसाराम कालेर व अनिल ने मिलकर नकल कराने की साजिश रची थी। तुलसाराम से जिन पांच अभ्यर्थियों ने संपर्क किया था, उनसे मीटिंग अनिल ने सालासर में कराई थी। यहां मनोज, पवन व महेन्द्र एवं दो अन्य अभ्यर्थियों के साथ लाखों रुपए में नकल कराने की डील हुई थी। आरोपी तुलसाराम के सहयोगी अनिल ने दिल्ली में अपने किसी परिचित से विशेष डिवाइस वाली बालों की विग तैयार कराई थी। इसमें ब्लूटुथ, सिम, छोटी चिप व माइक्रो ईयरफोन आदि लगे थे। यह विग हजारों रुपए में तैयार कराई गई थी। तुलसाराम से संपर्क करने वाले तीन अभ्यर्थी बीकानेर संभाग से, एक जोधपुर व एक जैसलमेर का था। पुलिस बीकानेर के तीन अभ्यर्थियों को पहले ही दिन गिरफ्तार कर चुकी है। बीकानेर में इनके पकड़े जाने पर ही तुलसाराम सालासर से फरार हो गया था और अपना मोबाइल वहीं फेंक गया था।

बीकानेर में नहीं हुई नकल

पुलिस अधीक्षक गौतम ने बताया कि अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि ईओ-आरओ भर्ती परीक्षा में सरगना तुलसाराम अभ्यर्थियों को नकल कराने में कामयाब नहीं हो सका। पुलिस ने तीनों अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होते ही दबोच लिया था। आरोपी ने दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों से संपर्क किया था। वे कौन हैं और कहां के रहने वाले हैं। इसके बारे में पता कर रहे हैं।
नकल संबंधी नौ प्रकरण दर्ज

पुलिस अधीक्षक गौतम ने बताया कि तुलसाराम मूलरूप से सालासर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का रहने वाला हैं। कालेर के खिलाफ प्रदेश में नकल संबंधी कुल नौ मामले दर्ज हैं। इन प्रकरणों में आरोपी का कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है। आरोपी कालेर ने वर्ष 2021 में हुई रीट की परीक्षा में बहुचर्चित चप्पल में डिवाइस लगाकर नकल करवाई थी। इस प्रकरण में उसे गंगाशहर व व्यास कॉलोनी पुलिस पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले वह एसआई की भर्ती परीक्षा में नकल कराते पकड़ा जा चुका है।

पुलिस सेवा से बर्खास्त है कालेर

तुलसाराम कालेर पुलिस उप निरीक्षक के रूप में चयनित हुआ, लेकिन नौकरी में आने के चार साल बाद ही हवाला के रुपयों में हेरफेर करने पर पुलिस सेवा से बर्खास्त हो गया था। इसके बाद वह नकल कराने के धंधे में जुट गया। वह बीकानेर में चाणक्य कोचिंग इंस्टीट्यूट का संचालन भी करता था। इसका भतीजा पोरव कालेर भी प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराते हुए पकड़ा जा चुका है।

यह है मामला
14 मई को राजस्व एवं अधिशाषी अधिकारी परीक्षा हुई थी। इसमें जिला पुलिस ने मनोज कुमार, महेन्द्र ओझा व पवन जाट को विग के साथ पकड़ा, जिसमें ब्लूटुथ, सिम व अन्य उपकरण लगे थे। मनोज व महेन्द्र के पकड़े जाने पर पुलिस की विशेष टीमों ने सभी 50 केन्द्रों पर सघन चेकिंग की, तब नयाशहर थाना क्षेत्र के एमएम स्कूल में पवन जाट को भी ऐसी ही विग के साथ पकड़ा।

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