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बीकानेर,जिला पुलिस की सबसे छोटी बीट कांस्टेबल व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। बीकानेर में यह व्यवस्था महज कागजों में रह गई है। जनता को यह नहीं पता है कि उनके क्षेत्र का बीट कांस्टेबल कौन है। अपराध होने की स्थिति में किसे सूचना दे, इसकी जानकारी खुद जनता को नहीं है। पुलिस महकमे ने इस व्यवस्था को जनता तक पहुंचाने के लिए अपडेट होने का काम नहीं किया। लिहाजा जनता व पुलिस के बीच दूरियां बढ़ रही है। सूचना तंत्र में मदद के लिए पुलिस के आउटडेटेड प्रयास दुविधा बन गए हैं। वजह यह है कि थाना इलाकों की सार्वजनिक दीवारों पर जिन थाना प्रभारी, अधिकारी, बीट कांस्टेबल के नम्बर लिखवाकर पुलिस मदद की उम्मीद कर रही है, जबकि उनके तबादले हुए कई साल हो चुके हैं। हालांकि जब इन्हें लिखवाया गया, तब प्रासंगिकता थी, लेकिन महकमें में फेरबदल से कइयों के तबादले या रिटायरमेंट हो गए। क्षेत्रों में इन नम्बरों की नई सूचना अपडेट नहीं की गई। वर्तमान में हालात यह है कि जिले में जनता को यह पता नहीं है कि उनका बीट कांस्टेबल कौन है और उससे तुरंत सम्पर्क कैसे किया जाए।

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