Trending Now












बीकानेर,बीकानेर में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ नीचे ही नहीं आ रहा है। चारों तरफ के राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर दिन गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। देखा जाता है कि दुर्घटनाएं कारित करने में अधिकतर बसों, ट्रकों व बोलेरो कैंपर गाड़ियों की भूमिका रहती है। यही वो वाहन है जिनके चालक सड़कों पर सबसे अधिक लापरवाही कर रहे हैं। ये वाहन सामने आने वाले वाहन को चपेट में लेने से नहीं कतराते। सड़कों पर ये वाहन खुल्लमखुल्ला अपनी दादागिरी करते हैं। बावजूद इसके इन वाहनों पर न्यूनतम कार्रवाई होती है। दुर्घटनाओं के बाद ये वाहन पकड़ में भी नहीं आ पाते, वजह नंबर प्लेट ही गायब होती है।

कुछ ऐसा देखने को मिला जो चिंताजनक है, साथ ही पुलिस व ट्रैफिक पुलिस की जवाबदेही को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है। इस बोलेरो कैंपर के पीछे नंबर प्लेट ही गायब थी। वहीं लाइट्स का भी कोई अता पता नहीं था। आश्चर्य की बात यह थी कि एक पुलिस वाहन इस बोलेरो के बिल्कुल पास निकला मगर उसने बोलेरो रुकवाकर उससे पूछताछ करना तक उचित नहीं समझा। जबकि करीब 30-35 सैकंड तक पुलिस वाहन बोलेरो के बिल्कुल पीछे चल रहा था। इस हाइवे पर हर थोड़ी दूर पर ऐसे ही बिना नंबरी वाहन देखने को मिले। सवाल यह है कि शहर में बात बात पर चालान करने वाली ट्रेफिक पुलिस को हाइवे पर क्या हो जाता है। जिन वाहनों के चालान होने चाहिए, जो वाहन जब्त होने चाहिए, वे सभी वाहन धड़ल्ले से पुलिस नाके पार कर जाते हैं। ये बिना नंबरी बोलेरो भी हल्दीराम प्याऊ का नाका पार कर गई। जबकि इसी दौरान कारें रुकवाई जा रही थी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पुलिस यह अनदेखी निरंतर करती आ रही है। पुलिस का ध्यान दुर्घटनाओं के कारणों पर काम करने से ज्यादा हेलमेट व सीट बेल्ट चालान करने की ओर अधिक देखा जाता है। जबकि हेलमेट व सीट बेल्ट जैसे नियमों की पालना करवाने के साथ साथ दुर्घटनाएं रोकने हेतु भी प्रयास करने चाहिए, बल्कि दुर्घटना नियंत्रण के प्रयास ही अधिक होने चाहिए। बता दें कि तस्करी व आपराधिक गतिविधियों में भी अधिकतर बोलेरो कैंपर गाड़ियों का प्रयोग देखा गया है। ऐसे में इन वाहनों पर पुलिस को कड़ी नज़र रखते हुए एक्शन लेना चाहिए। हम बतौर सबूत हालात बयानी करता एक वीडियो भी साझा कर रहे हैं।

Author