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बीकानेर। शहर में कितने घरों में कितने लोग किराए पर रह रहे है। कितने लोग बाहर से आकर यहां मजदूरी कर रहे हैं। वे लोग कब से और कहां-कहां रह रहे हैं इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है। प्रदेश में किराए पर रहने वाले कई बदमाश प्रवृति के लोगों की ओर से गंभीर वारदातें करने के बाद पुलिस मुख्यालय से किरायेदारों व बाहर से आने वालों का वैरिफिकेशन करने के लिए निर्देशित किया जाता रहा है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस थानों में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। मकान मालिक वैरिफिकेशन के लिए पुलिस के पास जाते नहीं है। पुलिस भी इस काम में खुद जहमत उठाती नहीं है। नतीजन आए दिन बाहरी लोग वारदात कर फरार हो रहे हैं। किराएदारों की व्यक्तिगत जानकारी पुलिस के पास रहे इसके लिए वर्षो पहले कानून भी बन चुका है लेकिन जिम्मेदार लोगों की अनदेखी के चलते इसकी पालना नहीं हो रही। ऐसे हालात में अगर कभी कोई बड़ा अपराध हो जाता है तो पुलिस बगले झांकने लगती है। उन मकानों, झुग्गी-झोपड़ी, होटलों व आश्रय स्थलों को टटोलने लगती है, जहां अपराधी शरण लिए होने की आशंका होती है।

२७ थाने है जिले में

बीकानेर जिले में शहरी क्षेत्र के आठ थानों सहित कुल २7 पुलिस थाने है, जिसमें महिला थाना भी शामिल है। थानों में किरायेदारों के संबंध में कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। यही कारण है कि जिले के किसी भी थाने में किरायेदारों को लेकर कोई प्रमाणित रेकार्ड उपलब्ध नहीं है।

सूचना देना अनिवार्य
मकान मालिकों को अपने किरायेदार की सूचना थाने पर देना अनिवार्य है, लेकिन इसका पालन कोई नहीं कर रहा। पुलिस ध्यान नहीं देती इसलिए मकान मालिक भी बेफिक्र रहते हैं। उल्लेखनीय है कि शहर में ऐसे कई अपराध हुए हैं, जिन्हें किराये के मकान में रहने वाले लोगों एवं घरों व दुकानों में काम करने वाले लोगों ने अंजाम दिया है। वारदात करने के बाद यह लोग भाग जाते हैं। इसके बाद भी पुलिस ने सख्ती नहीं बरती और किरायेदारों की खैर खबर नहीं ली।

यह है नियम

हर साल जिला प्रशासन धारा 144 लागू कर शहर के समस्त मकान मालिकों को किरायेदारों की सूचना देने के लिए अनिवार्य करता है। इसका पालन नहीं होने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन जिले में अब तक ऐसा एक भी मामला नहीं बना है।

इनका कहना है…
किरायेदारों का वैरिफिकेशन के लिए मकान मालिकों को कहा जाता है। वैसे संबंधित बीट कांस्टेबल किरायेदारों का रेकॉर्ड रखता है। सभी थानाधिकारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में बाहरी लोगों को चिन्हित करने के लिए निर्देशित किया जाता है।

शैलेन्द्रसिंह इंदौलिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

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