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बीकानेर,जिले ही नहीं प्रदेश के मोस्ट वांडेट अपराधियों की फेहरिस्त में शामिल नामी बदमाश आखिरकार आज पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। पुलिस टीम ने राजस्थान के 25 टॉप मोस्ट वांटेड में एक प्रदीप बुवाल को गिरफ्तार कर लिया है। चालीस हजार रुपए इनामी बदमाश प्रदीप पर बीकानेर सहित कई जिलों के थानों में आर्म्स एक्ट, हत्या का प्रयास और एनडीपीएस एक्ट के मामले दर्ज है। एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया पुलिस की साइबर टीम के प्रयास से साइंसर निवासी प्रदीप बुवाल को गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी में एएसआई दीपक यादव और कांस्टेबल सुमित के साथ जसरासर थानाधिकारी संदीप बिश्नोई की खास भूमिका है। जसरासर थानाधिकारी ने बताया-खींदासर-हदां के बीच रोही में शनिवार को प्रदीप के होने की सूचना मिली थी। इसके बाद घेराबंदी करके प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया गया।

बदमाश प्रदीप पर न सिर्फ बीकानेर बल्कि नागौर, जोधपुर और अजमेर में भी मामले दर्ज है। उस पर बीकानेर के पांचू, कोटगेट, नोखा, कोलायत में मामले है तो नागौर के मेड़ता सिटी, पाली के आनन्दपुर, जोधपुर के भोजासर और उदयमंदिर, अजमेर के पीसांगन में भी केस दर्ज है।

वर्ष 2007 में उस पर मेड़ता सिटी नागौर में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। जिसमें एक साल की सजा मिली थी।

वर्ष 2007 में ही दूसरा मामला पाली के आनन्दपुर में दर्ज हुआ। एनडीपीएस एक्ट के इस मामले में अदालत में ट्रायल चल रही है।

वर्ष 2009 में पांचू थाने में एनडीपीएस एक्ट के साथ ही तीन पीडीपीपी एक्ट का मामला दर्ज हुआ। इसमें हत्या के प्रयास का आरोप भी लगा। इसमें भी अभी ट्रायल चल रही है।

वर्ष 2012 में जोधपुर के भोजासर में उस पर मारपीट का मामला दर्ज हुआ।

जोधपुर के ही उदयमंदिर में जून 2012 में मारपीट के साथ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया।

अक्टूबर 2012 में बीकानेर के कोटगेट थाने में फिर मारपीट का मामला दर्ज हुआ।

पांचू में अक्टूबर 2013 में इसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इसमें हत्या के प्रयास का आरोप लगा। बाद में राजीनामा होने पर दोषमुक्त घोषित कर दिया गया।

जनवरी 2014 में मारपीट व आर्म्स एक्ट के तहत मामला पांचू थाने में दर्ज हुआ। जिसमें ट्रायल चल रही है।

अप्रैल 2016 में नोखा में मारपीट का मामला दर्ज हुआ।

अक्टूबर 2019 में जुआ खेलने का मामला दर्ज हुआ।

जुलाई 2016 में नोखा में आर्म्स एक्ट और हत्या के प्रयास का एक और मामला दर्ज हुआ।

अक्टूबर 2014 में कोलायत में भी आपराधिक मामला दर्ज हुआ।

एनडीपीएस एक्ट के तहत अगस्त 2009 में एक मामला अजमेर के पीसांगन थाने में दर्ज हुआ।

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