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बीकानेर,जयपुर,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दोनों शूटर्स को पुलिस ने शनिवार देर रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस के ज्वॉइंट ऑपरेशन में हत्याकांड के चौथे दिन ही पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अब पकड़े गए शूटर्स रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को लेकिर आज जयपुर पहुंच आएगी। जहां पर दोनों से पूछताछ की जाएगी कि आखिर गोगामेड़ी की हत्या का प्लान किसने और क्यों बनाया था?

एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि शूटर जयपुर से भागने के बाद करीब एक दर्जन से अधिक जगहों से होते हुए नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के घर चंडीगढ़ पहुंचे थे। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद आरोपियों ने उसे घटना की जानकारी दी और आश्वासन दिया कि जैसे ही पुलिस की सख्ती कम होगी, वो यहां से चले जाएंगे। दोनों शूटर्स का देश छोड़कर नेपाल भागने का प्लान था, लेकिन उससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दोनों की लोकेशन मिल गई। जिसके बाद राजस्थान पुलिस की एसआईटी के साथ मिलकर पुलिस टीमों ने दोनों आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा था।

पुलिस ने दोनों को 72 घंटे में पकड़ने का दिलाया था भरोसा

राजस्थान पुलिस ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया था कि दोनों आरोपियों को 72 घंटे के अंदर पकड़ लिया जाएगा। लेकिन, जयपुर से चंडीगढ़ भागे दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी इतनी आसान नहीं थी। इस मामले में एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने खुद मोर्चा संभाल रखा था। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ इस मामले में हर घंटे एसआईटी से फीडबैक ले रहे थे। वहीं, एडीजी दिनेश एमएन ने अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारियों से लगातार संपर्क साध रखा था। पुलिस की अलग-अलग टीमें दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही थी। आखिरकार,हत्याकांड के चार दिन बाद बड़ी सफलता मिली।

शूटरों का एक साथी भी गिरफ्तार

इससे पहले गोगामेड़ी की हत्या की साजिश में शामिल शूटरों के एक साथी को पुलिस ने शनिवार दोपहर को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी रामवीर जाट हरियाणा के महेन्द्रगढ़ का रहने वाला है। पुलिस ने उससे पूछताछ के दौरान घटना में शामिल कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नितिन पुलिस पर फायरिंग करने की घटना में पहले से फरार था। उसने बचपन के साथी रामवीर से संपर्क किया और 19 नवंबर को ही उसको गोगामेड़ी की हत्या की साजिश के तहत जयपुर भेज दिया था। यानी राजवीर घटना से करीब 16 दिन पहले जयपुर आया उसने गोगामेड़ी के घर व घटना के बाद किन गलियों से फरार होने में आसानी रहेगी, उन कॉलोनियों की गलियों की रेकी की। उसके बाद जब नितिन व रोहित जयपुर आए तो उनको फर्जी आईडी से महेश नगर, श्यामनगर व जवाहर सर्किल स्थित होटल व दोस्त के फ्लैट पर रुकवाया था। घटना के एक दिन पहले रामवीर ने गोगामेड़ी के घर से फरार होने के लिए नितिन व रोहित को आसान गलियों की रेकी कराई थी, ताकि वे आसानी से जयपुर से बाहर निकल सकें।

रामवीर छह साल तक रह चुका शहर में

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी रामवीर जाट छह साल तक जयपुर में रहकर मानसरोवर स्थित एक निजी कॉलेज से बी.एससी. व कालवाड़ा स्थित एक अन्य निजी कॉलेज से एम.एससी. करने के बाद छह माह पहले ही वापस अपने गांव गया था। वह साल 2017 में जयपुर आया था। वह मानसरोवर, महेश नगर, श्यामनगर, करणी विहार व करधनी इलाके की सभी कॉलोनियों की गली-गली से वाकिफ था। वारदात के बाद नितिन व रोहित दो सौ फु ट बाइपास पहुंच गए। जहां पर नितिन व रोहित को रामवीर मिला। रामवीर दोनों को मोटरसाइकिल पर बैठाकर बगरू टोल प्लाजा से आगे तक लेकर गया और फिर नागौर जाने वाली रोडवेज बस से फरार करा दिया।

ऐसे हुई थी घटना

गत 5 दिसंबर को कभी सुखदेव सिंह का गार्ड रहा नवीन शेखावत दो युवकों के साथ गोगामेड़ी के घर आया था। सोफे पर एक तरफ सुखदेव बैठे थे तो सामने रोहित राठौड़ और नितिन फौजी थे। इस दौरान सुखदेव के मोबाइल पर एक कॉल आया, उन्होनें मोबाइल उठाया, तभी हमलावरों में से एक ने सुखदेव को गोली मार दी। फिर नवीन, रोहित और नितिन ने तड़ातड़ फायरिंग की। नवीन के भी गोली लगी थी। उसे वहीं छोड़ रोहित और नितिन फरार हो गए। बाद में सुखदेव और नवीन को मृत घोषित कर दिया गया था।

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