बीकानेर.नागौर की घटना के बाद पुलिस व जेल प्रशासन अलर्ट मोड में हैं। जेल प्रशासन ने भी एक बार फिर दूसरे राज्यों की तरह राजस्थान की जेलों में बंद बंदियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी-बयान कराने की आवाज उठाई है। सरकार ने भी इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है। वहीं नागौर की घटना के बाद प्रदेश की जेलों में अब दो विरोधी गुट के बदमाशों को एक साथ एक जेल में नहीं रखा जा रहा है। साथ ही एक गिरोह के सदस्यों के पकड़े जाने पर उन्हें भी अलग-अलग जेल में रखा जाएगा। ताकि वे संगठित होकर कोई वारदात को अंजाम नहीं दे सकें। बीकानेर सहित नागौर, जोधपुर, जयपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर आदि जेलों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। धीरे-धीरे प्रदेश की सभी जेलों में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
प्रदेशभर से 86 बंदी इधर-उधर
प्रदेश की जेलों में बंद हजारों बंदियों में से विरोधी गुटों के एक ही जेल में बंद बंदियों को जेल प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से इधर-उधर किया है। जेल सूत्रों की मानें, तो प्रदेशभर से एक-दूसरे के विरोधी गुटों के 86 बंदियों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। गैंग सरगनाओं के अलावा उनके गुर्गों को भी एक जेल व एक बैरक में नहीं रखा जा रहा है।
यह इंटरनल व्यवस्था
जेल में सुरक्षा के मद्देनजर जो मुख्यालय से निर्देश मिलते हैं, उनकी अक्षरश: पालना कराई जाती है। सुरक्षा के लिहाज से विरोधी गुटों के बंदी को दूसरे जेल में शिफ्ट किया गया। यह जेल प्रशासन की इंटरनल व्यवस्था है, जिसके बारे में ज्यादा कुछ कह नहीं सकते। जेल में सुरक्षा के लिए जो उचित होगा, वह व्यवस्था लागू करेंगे।
आर अनंतेश्वरन,जेल अधीक्षक बीकानेर।
व्यवस्था को सख्ती से कर रहे लागू
जेल से सभी मामलों के बंदियों की पेशी कराई जा सकती है, लेकिन संसाधन और तकनीकी समस्या के चलते यह पूरी तरह संभव नहीं हो पाया है। हरेक बंदी की पेशी वीसी से हो, ऐसे प्रयास कर रहे हैं, ताकि पेशी के दौरान हमले होना और हो रही हत्याओं पर अंकुश लग सके। विरोधी गुटों के बंदियों को एक जेल में साथ रखने से परहेज करते हैं, लेकिन कभी मजबूरी में रखा जाता है। अब इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कर रहे हैं।
विक्रम सिंह करणावत, आइजी जेल जयपुर।
इसलिए पड़ रही जरूरत
प्रदेश की जेलों में बंद हार्डकोर अपराधियों को पेशी पर कोर्ट व दूसरे जिलो में लाने-ले-जाने के लिए काफी रिस्क रहता है। बंदियों के भागने, पुलिस की गाड़ियों पर हमला कर बदमाशों को छुड़ाने एवं विरोधी गुटों के बदमाशों का हमला कर बंदियों की हत्या करने जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए अब एहतियात के तौर पर जेलों से बंदियों की पेशी व बयान पर फिर जोर दिया जा रहा है। इस पर सरकार व जेल प्रशासन मंथन भी कर रहे हैं। विदित रहे कि हाल ही में बीकानेर जेल में बंदियों के दो गुट भिड़ गए थे, जिसमें तीन बंदी घायल हुए। बाद में बंदियों ने जेल प्रशासन के खिलाफ जेल के खाने का बहिष्कार भी कर दिया था।
जेल पर एक नजर
बीकानेर जेल की क्षमता : 1600 बंदी
बीकानेर जेल में वर्तमान में बंदी : 1472
सजायाफ्ता : 1038
विचाराधीन : 434