
बीकानेर,शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान की ओर वरिष्ठ कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी का एकल काव्य पाठ और नागरिक अभिनंदन किया गया। तपसी भवन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा थे। उन्होंने कहा कि जोशी ने साहित्य सृजन को नए आयाम दिए हैं। उनके साहित्य में विषयों की वैविध्यता के साथ स्थानीय पुट देखने को मिलता है। इनकी कहानियां और कविताएं हमारे आसपास तैरने वाले विषयों के साथ न्याय करती हैं। जोशी कथेतर साहित्य पर कार्य करने वाले गिने चुने साहित्यकारों में शामिल हैं।
वरिष्ठ स्तंभलेखक डॉ. अजय जोशी ने कहा कि साहित्य और साहित्यकारों ने बीकानेर को देशभर में अलहदा पहचान दिलाई है। जोशी इसी परंपरा से आते हैं। उन्होंने प्रत्येक रचना के साथ सामाजिक सरोकार का कोई संदेश देने का प्रयास किया है। जोशी ने साहित्य फलक पर अपनी विशेष पहचान स्थापित की है।
जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ हरि शंकर आचार्य ने कहा कि सही मायनों में वही साहित्य अर्थपूर्ण होता है, इसे सामान्य पाठक समझ सके। आज के दौर में साहित्य सृजन तो बढ़ा है, लेकिन इसमें प्रयुक्त शब्दों की जटिलता ने इसे आम पाठक से दूर कर दिया है। जोशी ने साक्षरता आंदोलनों को देखा, समझा और जिया है, इस कारण इनके सृजन में गहराई के बावजूद शब्दों के चयन में विशेष सतर्कता बरती जाती है।
इससे पहले शब्दरंग संस्थान के सचिव और गीतकार राजाराम स्वर्णकार ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साहित्यिक क्षेत्र में सतत और विशेष योगदान के लिए जोशी को शब्दरंग का ‘साहित्य मित्र सम्मान’ अर्पित किया गया। उन्होंने बताया कि जोशी के छह कविता संग्रह, नौ कहानी संग्रह, पांच अनुवाद की पुस्तके, इसके अतिरिक्त जीवनी ,सम्पादन सहित अनेक चर्चित पुस्तके प्रकाशित हुई है।
उन्होंने जोशी के साहित्यिक योगदान पर विस्तार से अपनी बात रखी।
इस दौरान राजेन्द्र जोशी ने कहा कि लेखन के प्रति न्याय किसी भी लेखक की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसा करके ही वह इसे सार्थक बना सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी प्रत्येक पंक्ति को इस कसौटी पर खरा उतारने का प्रयास किया सृजन कि सृजन सार्थक हो। इस दौरान उन्होंने अपनी चुनिन्दा हिंदी की कल के रास्ते, समय ने पूछा, रात-1, छिप गया सूरज, मेघ और राजस्थानी की चिर-परिचित अंदाज में दूजे रै कांधे उपर बंदूक कविताएं सुनाई और सृजन से जुड़े अनुभव सांझा किए।
इससे पहले एन.एस.पी के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर प्रजापत ने राजेन्द्र जोशी के लेखन पर आधारित लघु शोध भेंट किया। कैलाश टाक, बाबू लाल छंगाणी, प्रेरणा प्रतिष्ठान के प्रेम नारायण व्यास और अशफाक कादरी सहित अन्य अतिथियों ने जोशी का अभिनंदन किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हीरालाल हर्ष ने बताया कि जोशी ने साहित्य के साथ साक्षरता, मतदाता जागरूकता, स्काउट गाइड के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक कार्यों में योगदान दिया है। कार्यक्रम का संचालन बाबू लाल छंगाणी ने किया।
इस दौरान सुभाष जोशी, समाजशास्त्री आशा जोशी, बी जी जोशी, लोकेश चूरा, केशव आचार्य आदि उपस्थित रहे।