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बीकानेर, राष्ट्रीय कवि संगम बीकानेर इकाई द्वारा कवि-कथाकार समाजसेवी राजाराम स्वर्णकार के सम्मान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । बर्तन बाजार स्थित शिव-निवास में आयोजित कार्यक्रम में स्वर्णकार का भव्य स्वागत किया गया | स्वर्णकार विगत दिनों श्री ब्राहमण स्वर्णकार पंचायती भवन ट्रस्ट, बीकानेर के हुए चुनाव में प्रन्यासी विजयी हुए |

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे व्यंग्यकार डॉ.अजय जोशी ने कहा कि राजाराम स्वर्णकार की रचनाओं में आम आदमी की पीड़ा झलकती है जो रचनाएं समाज को जोड़ने का कार्य करती है | समाज के ट्रस्ट चुनाव में चयन से  राजाराम स्वर्णकार के सामाजिक दायित्व बढ़ गये हैं जिनका सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे | मुख्य अतिथि संस्कृतिकर्मी साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा राजाराम स्वर्णकार के आलेख, कहानियां एवं कविताएं सम्भावनाओं के द्वार खोलती नजर आती हैं | जब एक  साहित्यकार समाज सेवा में आगे बढ़ता है तो उसका चहुँऔर स्वागत होना चाहिए | शब्दरंग के संयोजक एवं कथाकार अशफाक कादरी ने राजाराम स्वर्णकार की साहित्यिक सेवाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला ।
कार्यक्रम में ट्रस्ट के नव निर्वाचित अध्यक्ष प्रेमप्रकाश सोनी ने विगत दो कार्यकाल में स्वर्णकार द्वारा ट्रस्ट में दी गई सेवाओं और उपलब्धियों को सार्थक बताया  | ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष प्रेमरतन मंडोरा ने स्वर्णकार की सेवाओं को यादगार बताया  | अखिल भारतीय श्री ब्राह्मण स्वर्णकार महासभा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मनीषा आर्य सोनी ने राजाराम स्वर्णकार के काम के प्रति निष्ठा, आपसी सामंजस्य की सराहना करते हुए उन्हें गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी | समाजसेवी मधुसुदन सोनी ने कहा कि बुजुर्ग समाज की शान होते हैं इनके अनुभवों से ही युवा आगे बढ सकते है । उन्होंने कहा कि निर्णय लेने की क्षमता बुजुर्गो में होती है क्योंकि इनका अनुभव काम आता है |
सम्मान से अभिभूत कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि समाज बंधुओं ने मुझ पर विश्वास कर मुझे ट्रस्ट का प्रन्यासी  चुना अत: समाज के प्रत्येक वर्ग का मैं ऋणी हूं | मुझे किसी पद की आवश्यकता नहीं रही है, समाज हित कार्य तो बिना पद के भी किया जा सकता है | सर्व सम्मति से चुने गए अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष को  मैं एक बार पुन: बधाई देता हूं | स्वर्णकार ने पूर्व महासभा अध्यक्ष मनीषा आर्य, पूर्व ट्रस्ट अध्यक्ष प्रेमरतन मंडोरा, वर्तमान अध्यक्ष प्रेम प्रकाश सोनी एवं अभी नेपाल की यात्रा से लौटे सन्स्कृतिकर्मी राजेन्द्र जोशी का मोतियों की मालाओं  से स्वागत किया |
कार्यक्रम का शुभारम्भ कवयित्री कृष्णा आचार्य ने सरस्वती वंदना करते हुए अपनी राजस्थानी  काव्य रचना-अबै बा बात कठै ? सुनाई और अपना साहित्य स्वर्णकार को भेंट किया | मधुर कंठ की मनीषा आर्य सोनी ने – गिरब करूं मैं मान करूं कितरा मैं गुण-गान करूं, गाऊं हिवडै सूं गान, गरब भरीयो तप-तेज भरीयो रूड़ौ राजस्थान सुनाकर तालियां बटोरी | कार्यक्रम में चंद्रशेखर जोशी, एन.डी. रंगा, कैलाश टॉक, शायर नासिर जैदी, प्रेरणा प्रतिष्ठान के प्रेमनारायण व्यास ने भी अपने विचार रखे | संचालन हास्य व्यंग्य कवि बाबूलाल छंगाणी ने किया | सभी के प्रति आभार सौरभ सोनी ने माना |

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