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बीकानेर,स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम राष्ट्रीय कवि चौपाल की 539 वीं कड़ी लोक देवता बाबा रामापीर व राष्ट्रीय कवि चौपाल के संस्थापक सदस्य स्व किशन नाथ खरपतवार को समर्पित रही सरदार अली परिहार, लीलाधर सोनी, कृष्णा वर्मा मंचासीन हुए कार्यक्रम शुभारंभ करते हुए रामेश्वर साधक ने लोक देवता बाबा रामदेव ने कैसे समकालीन कुरीतियां, छुआ छूत, अमीर गरीब जैसे भेदभाव पर कठोर प्रहार किया व कैस सभी धर्म को साथ लेकर चलने के आदर्श, अनुशासन स्थापित किये। मधुरिमा सिंह ने मां सरस्वती की प्रार्थना से मां मुझे वरदान दो मैं सदा एकतार चलती हूं तुम्हारे दर्शन को… कार्यक्रम को गति दी

कार्यक्रम अध्यक्ष सरदार अली परिहार ने किशन नाथ के संस्मरण सुनाते हुए यथार्थ भाव व्यक्त किए चले तो हवा जैसे थमें तो चांद जैसे थे, किशन नाथ जी खरपतवार घनी धूप में ठंडी छांव जैसे थे.. कृष्णा वर्मा ने बताया कवि किशन नाथ खरपतवार नहीं राष्ट्रीय कवि चौपाल की पतवार थे, .. कलयुग में अवतार लिया सब भक्तो का उद्धार किया बाबा रामदेव पर रचना सुनाई..लीलाधर सोनी ने वीरों की मरूधरा की महत्ता बताते हुए आओ सुनाऊं वीर गाथा में महिमा राजस्थान की
मारवाड़ दहाड़ मेवाड़ी मरूधर के बलिदान की…नवरचना सुनाकर पूरे सदन की वाह वाह बटोरी

बाबू बमचकरी ने कवि किशन नाथ यहीं रचना लेते थे यानी रचते थे, यही रचना देते थे….. जिंदगी में जीणो है तो हंस हंस जी, मीठी भाषा बोल प्यारे, कड़वे घूंट पी… तूलसीराम मोदी बोहत गहरा था उनसे मेरा रिश्ता, कहीं देखा नहीं नहीं ऐसा गहरा समुद्र… मधुरिमा सिंह ने कहते हैं शहर में बिजली कम है, बिजली की बचत करो
शमीम अहमद शमीम : मम्मी का प्यार जन्नत की हवा, पापा का प्यार हिम्मत की दवा …रामेश्वर साधक ने किसन नाथ खरपतवार को श्रृद्धांजलि बतोर रचना प्रस्तुति दी..”वो स्वस्थ मस्त..अलमस्त थे..दर्शन में सशक्त व्यस्त सिद्धहस्थ थे।
कैसे, क्यों कर कह दे वो भले गए..न दे अवसर, बिना पलक झपके, देखो वो चले गए.. पवन चड्ढा : सुहानी रात ढल चुकी न जाने तूम कब आओगे …इम्तियाज अहमद ने जानें कहां गए वो दिन कहते तो
आज के कार्यक्रम में राजकुमार ग्रोवर, परमेश्वर सोनी, हनुमान कच्छावा, घनश्याम सौलंकी, शिव प्रकाश शर्मा, संजय बिनावरा, निसार आदि कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे, आज के कार्यक्रम का संचालन बाबू बमचकरी ने किया, धन्यवाद व आगामी आमंत्रण साधक ने दिया

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