बीकानेर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को राजस्थान के भीलवाड़ा आ रहे है. यहां वो भगवान देवनारायण के 1111वें प्रकटोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे.
पीएम मोदी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होने है. ऐसे में पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी गुर्जर समुदाय के लिए बड़ा ऐलान कर सकते है. वो यहां अयोध्या, वाराणसी और उज्जैन की तर्ज पर ही भगवान देवनारायण कॉरिडोर का ऐलान कर सकते है.
भीलवाड़ा में हो रहे इस कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ही देख रहे है. वो 19 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में मीटिंग कर तैयारियों का जायजा लेंगे.
कैसा बनेगा देवनारायण कॉरिडोर
भगवान देवनारायण के धार्मिक स्थल को भव्य रुप देने के लिए ये कॉरिडोर बनेगा. इसमें मालासेरी डूंगरी के देवनारायण मंदिर को शामिल किया जाएगा. यहां म्यूजियम भी बनाया जाएगा. जिसमें भगवान देवनारायण के जीवन को दर्शाने के साथ साथ इस इलाके में उनसे जुड़े ऐतिहासिक प्रमाणों को भी दिखाया जाएगा. ये वो जगह है जहां साल में 2 बार मेला भरता है. बताया जा रहा है कि देवनारायण कॉरिडोर में एक लाइट एंड साउंड शो साइट भी बनेगी. एक ऐसा ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा जहां हर समय देवनारायण भगवान की कथा चलती रहेगी.
तैयारियों में जुटे अर्जुनराम मेघवाल
बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे है. वो 19 जनवरी को यहां बैठकें लेंगे. राजस्थान में टोंक, सवाई माधोपुर, अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गड़ और भीलवाड़ा के गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. इसके बाद एक बैठक अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली, जयपुर और झालावाड़ जिलों के गुर्जर समाज के लोगों के साथ होगी. पीएम मोदी अगर यहां देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा करती है. तो बीजेपी की कोशिश इसके जरिए पूरे देश के गुर्जर समाज को साधने होगी. ऐसे में अर्जुनराम मेघवाल यहां एक बैठक राजस्थान से बाहर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश के गुर्जर प्रतिनिधियों से भी करेंगे.
गुर्जर समाज को जोड़ने की कोशिश
राजस्थान में भाजपा के 24 सांसद है. जिसमें एकमात्र गुर्जर सांसद टोंक सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनापुरिया है. राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर गुर्जर वोटर प्रभाव रखता है. चुनाव जीताने हराने में बड़ी भूमिका निभाते है. इसमें भरतपुर, टोंक सवाई माधोपुर, करौली धौलपुर, अजमेर, दौसा, कोटा बूंदी, बारां झालावाड़, भीलवाड़ा, अलवर, झुंझुनूं और चित्तौड़गढ़ के अलावा जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट शामिल है. इसके अलावा 45 के करीब विधानसभा सीटों पर भी गुर्जर वोटर प्रभावी होता है. ऐसे में राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पीएम मोदी और बीजेपी का ये बड़ा दांव साबित हो सकता है.