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बीकानेर,प्रधानमन्त्री मोदी गत दिनों बीकानेर में आये। ९ साल में ये बीकानेर की उनकी दूसरी यात्रा थी। नौरंगदेसर में उन्होंने २४०० करोड़ की ग्रीन- एक्सप्रेस- वे का लोकपर्ण किया। यहाँ पर उन्होंने एक विशाल जनसभा को भी सम्बोधित किया। कांग्रेस सरकार की लूट पर भी वह काफ़ी कुछ बोले। लेकिन बीकानेर के दर्द को नहीं समझा। हमे पंजाब से नहर में पानी पूरा नहीं मिल रहा। खेत- खलियान बिना पानी सूखे जा रहे है। पानी जो मिल रहा हैं वो भी दूषित होता हैं। यह पानी तरह तरह की बीमारियों को निमन्त्रण दे रहा हैं। एक ट्रैन तो पंजाब से यहाँ- कैंसर ट्रेन – के नाम से आती है। जिसमें यात्री नहीं- कैंसर रोगी होते हैं। यही नहीं- पानी की कमी होते हुए भी हम किसी समझौते की तहत पानी पाकिस्तान भेज रहे हैं इसके बदले पता हैं वो हमे क्या दे रहा हैं। मादक पदार्थ- अफ़ीम, गाँजा, हीरोइन- कभी वो ड्रोन से भेजता हैं और कभी वो तस्करों के माध्यम से भेजता हैं। बॉर्डर ऐरिया होने के कारण इन नशीली पदार्थों की तस्करी बहुतायत में हो रही हैं नई युवा जेनरेशन इन नशीली पदार्थों की गिरफ़्त में फँस रहीं हैं। मोदी जी ने अपने भाषण में इस गम्भीर समस्या पर एक शब्द भी नहीं कहा? ना ही वे बीकानेर की बार बार बन्द होने वाले रेल फाटको की समस्या पर कुछ बोले। यहाँ के लोगो को बहुत उम्मीद थी कि इस बार मोदी जी रेल फाटको का समाधान करेगे , कोई उद्योग स्थापित कर युवाओ को रोज़गार दिलायेगे। वही ढाक के तीन पात-? बोले तो कि कांग्रेस के मन्त्री हार से घबड़ा कर सरकारी बँगला अभी से ख़ाली कर अपने निज आवास में जा रहे हैं। जबकि एक मंत्री कल्ला जी ही बंगले के वास्तु दोष के कारण बंगला छोड़कर अपने ख़ुद के घर में गये हैं। ख़ैर बीकानेर के लोग फिर भी खुश हैं की देश के प्रधानमंत्री जी हमारे घर आये? वे आज नहीं तो कल हमारे दर्द को ज़रूर समझेंगे।

दूसरी और हमारे मुख्यमन्त्री जी दिन- ब- दिन घोषणाओं पर घोषणाएँ करते जा रहे हैं। क्योंकि चुनाव जो नज़दीक हैं। जनता को राहत देने के लिए जगह जगह राहत शिविर लगा रहे हैं। जनता का ध्यान समस्याओं की तरफ़ से हटा कर—१०० यूनिट फ्री बिजली, सस्ता गैस सिलेण्डर, निःशुल्क चिकित्सा, चिरिंजीवी योजना, महिलाओं को रोडवेज़ में आधी मुफ़्त यात्रा, महिलाओं को फ़ोन, सामाजिक पेंशन में बढ़ोतरी, जैसी कई योजनाये उन्होंने जनता को दी हैं। मुख्यमंत्री जी ने अब एक और शगूफ़ा छोड़ा हैं। कि हमारी योजनाओं का ढोल बजाओ और ईनाम पाओ। उनकी योजनाओ का प्रचार करो- वीडियो बनाओ और इनाम पाओं। एक लाख का पहला, दो लाख का दूजा, ५० हज़ार का तीसरा और १०० इनाम १००० के मिलेंगे। एक तरह से युवाओ को रोज़गार मिलेगा,? इसी न्यूज़ पर एक बाप ने अपने बेटे से कहा कि सारा दिन मोबाइल से चिपका रहता हैं। कोई शानदार वीडियो बना और लाख रु घर में ला। अब तो मुख्य मंत्री जी ने काम दे दिया है? झूठा- मूठा कोई वीडियो बना लो कुछ तो पैसा घर आएगा? वैसे यह प्रलोभन यह ज़ाहिर करता हैं कि सरकार का अपने प्रचार- प्रसार तन्त्र पर विस्वास नहीं रहा। क्योंकि पैसे देकर अब प्रचार जनता से करवाया जा रहा हैं। समझ में नहीं आता कि राजनीतिक दल अपना आचरण कब सुधारेगे? और कब मतदाता यह सोचेगा कि मुफ़्त की इन योजनाओं पर खर्च होने वाला पैसा उनका ख़ुद का हैं। कोई नेता अपनी जेब से आपको पैसा देने वाला लगता है।

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